तेजस Mk1A में लगेगी ये स्वदेशी मिसाइल... अगस्त में ट्रायल शुरू, जंग में बढ़ जाएगी मारक क्षमता

अगस्त 2025 में तेजस Mk1A से अस्त्र Mk1 मिसाइल का लाइव फायरिंग टेस्ट भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं में एक नया मील का पत्थर होगा. यह टेस्ट न केवल तेजस Mk1A की तैनाती को सुनिश्चित करेगा, बल्कि भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी बनाएगा.

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तेजस फाइटर जेट अस्त्र मिसाइल का परीक्षण किया जाएगा. (फाइल फोटोः IAF) तेजस फाइटर जेट अस्त्र मिसाइल का परीक्षण किया जाएगा. (फाइल फोटोः IAF)

शिवानी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 3:09 PM IST

भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) अपनी स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार है. अगस्त 2025 में HAL तेजस Mk1A विमान से अस्त्र Mk1 बियॉन्ड विज़ुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) का पहला लाइव फायरिंग टेस्ट करने जा रहा है. यह परीक्षण भारत के लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) कार्यक्रम के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा. 

तेजस Mk1A: भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान

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तेजस Mk1A भारत का स्वदेशी 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल लड़ाकू विमान है, जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने डिज़ाइन किया और HAL ने बनाया है. यह तेजस Mk1 का उन्नत संस्करण है, जिसमें 40 से अधिक सुधार किए गए हैं. यह विमान भारतीय वायुसेना (IAF) की रीढ़ माना जाता है. पुराने मिग-21, मिग-23 और मिग-27 जैसे विमानों को बदलने के लिए बनाया गया है. यह हल्का, तेज़ और बहु-उद्देश्यीय विमान है, जो हवाई युद्ध और ज़मीनी हमलों में सक्षम है.

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तेजस Mk1A की प्रमुख विशेषताएं

रडार

ELM-2052 एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार: यह इज़राइल की ELTA सिस्टम्स द्वारा विकसित किया गया है. यह रडार एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है. लंबी दूरी तक दुश्मन का पता लगा सकता है.  इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग से बचाव करता है. यह पुराने ELM-2032 मल्टी-मोड रडार से कहीं बेहतर है.

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उत्तम AESA रडार: भविष्य में तेजस Mk1A के बाद के बैच में DRDO का स्वदेशी उत्तम AESA रडार लगाया जाएगा, जो 95% स्वदेशी है. 18 मोड्स में काम करता है.

डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC): नया क्वाड्रप्लेक्स डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC Mk1A) तेजस Mk1A को उड़ान के दौरान बेहतर नियंत्रण और सुरक्षा प्रदान करता है. यह जटिल युद्धाभ्यास और हवाई युद्ध में पायलट की मदद करता है.

इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) सुइट

DARE यूनिफाइड इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सुइट (UEWS): इसमें रडार वार्निंग रिसीवर (RWR), सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर, और चैफ-फ्लेयर डिस्पेंसर शामिल हैं. यह विमान को दुश्मन के रडार और मिसाइलों से बचाता है.

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हथियार

  • अस्त्र Mk1 BVRAAM: 100+ किलोमीटर रेंज की स्वदेशी हवा-से-हवा मिसाइल.
  • ASRAAM: नज़दीकी हवाई युद्ध के लिए मिसाइल.
  • रुद्रम: एंटी-रेडिएशन मिसाइल.
  • SAAW: स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियार.
  • लेज़र-गाइडेड बम: सटीक ज़मीनी हमलों के लिए.
  • मिड-एयर रिफ्यूलिंग: तेजस Mk1A में हवा में ईंधन भरने की क्षमता है, जो इसकी उड़ान अवधि और रेंज को बढ़ाती है.
  • इंजन जनरल इलेक्ट्रिक F404-IN20: यह 84 kN थ्रस्ट वाला इंजन है, जो विमान को मैक 1.8 की गति और 52,000 फीट की ऊंचाई तक ले जा सकता है.

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वजन और डिज़ाइन

  • खाली वजन: 5,450 किलोग्राम
  • अधिकतम टेकऑफ वजन: 13,500 किलोग्राम
  • हथियार क्षमता: 8-9 टन
  • डिज़ाइन: डेल्टा विंग, कार्बन-फाइबर कम्पोजिट्स (45% एयरफ्रेम) और हल्के मैटेरियल जैसे एल्यूमिनियम और टाइटेनियम.
  • ग्लास कॉकपिट: तीन मल्टी-फंक्शनल डिस्प्ले (MFD) और नाइट विज़न सपोर्ट के साथ.
  • इजेक्शन सीट: मार्टिन बेकर (UK) द्वारा निर्मित, जो आपात स्थिति में पायलट की सुरक्षा सुनिश्चित करता है.
  • स्वदेशी सामग्री: तेजस Mk1A में 60-70% स्वदेशी सामग्री का उपयोग हुआ है, जो आत्मनिर्भर भारत पहल को बढ़ावा देता है. बाद के बैच में यह 80% तक बढ़ सकता है.

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अस्त्र Mk1 मिसाइल: भारत की स्वदेशी ताकत

अस्त्र Mk1 एक बियॉन्ड विज़ुअल रेंज (BVR) हवा-से-हवा मिसाइल है, जिसे DRDO ने विकसित किया है. यह मिसाइल दुश्मन के विमानों को 100 किलोमीटर से अधिक दूरी से सटीकता के साथ नष्ट कर सकती है. इसे भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) द्वारा निर्मित किया जा रहा है. यह भारतीय वायुसेना के सु-30 MKI, मिग-29 और तेजस जैसे विमानों पर तैनात है.

अस्त्र Mk1 की प्रमुख विशेषताएं

रेंज: 80-110 किलोमीटर (लॉन्च ऊंचाई और लक्ष्य पर निर्भर). यह दुश्मन के लड़ाकू विमानों को लंबी दूरी से निशाना बना सकता है.

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गाइडेंस सिस्टम

स्वदेशी AESA रडार सीकर: यह मिसाइल को जटिल इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेशर्स (ECM) के बीच भी सटीक निशाना लगाने में मदद करता है.
लेज़र प्रॉक्सिमिटी फ्यूज़: यह लक्ष्य के करीब विस्फोट सुनिश्चित करता है.
गति: मैक 0.8 से 2.2
लक्ष्य पर हमला: मैक 2.0 से 3.6
यह अत्यधिक गतिशील लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है.

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वजन और आकार

  • वजन: लगभग 154 किलोग्राम
  • लंबाई: 3.8 मीटर
  • व्यास: 178-200 मिमी
  • उत्पादन: 2017 में 50 मिसाइलों का शुरुआती ऑर्डर, फिर 350+ मिसाइलों का ऑर्डर (IAF के लिए 200, नौसेना के लिए 48).
  • लागत: प्रति मिसाइल 7-8 करोड़ रुपये, जो आयातित मिसाइलों (जैसे MBDA मेट्योर, 25 करोड़ रुपये) से कहीं सस्ती है.

परीक्षण

23 अगस्त 2023: गोवा तट से तेजस Mk1 से सफल परीक्षण, 20000 फीट ऊंचाई पर.
12 मार्च 2025: ओडिशा के चांदीपुर में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से तेजस Mk1 प्रोटोटाइप से 100+ किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य पर सटीक हिट.

अगस्त 2025 का परीक्षण: क्यों है महत्वपूर्ण?

HAL अगस्त 2025 की शुरुआत में तेजस Mk1A से अस्त्र Mk1 मिसाइल का पहला लाइव फायरिंग टेस्ट करने जा रहा है. यह परीक्षण निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण है...

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नए रडार और एवियोनिक्स के साथ एकीकरण: तेजस Mk1A में ELM-2052 AESA रडार और नया DFCC है, जो पुराने तेजस Mk1 के ELM-2032 रडार से अलग हैं. इस वजह से अस्त्र Mk1 को नए सिस्टम्स के साथ फिर से टेस्ट और कैलिब्रेट करना ज़रूरी है.

हवाई युद्ध में बढ़त: ELM-2052 रडार की उन्नत क्षमताएं, जैसे लंबी दूरी की टोह, मल्टी-टारगेट ट्रैकिंग और ECM के खिलाफ सुरक्षा, तेजस Mk1A को आधुनिक हवाई युद्ध में बेहतर बनाती हैं. यह टेस्ट यह सुनिश्चित करेगा कि अस्त्र Mk1 इस रडार के साथ सटीकता से काम करता है.

प्रमाणन और तैनाती: यह टेस्ट तेजस Mk1A के लिए ऑपरेशनल सर्टिफिकेशन का आखिरी कदम है. सफलता के बाद, भारतीय वायुसेना इसे पूरी तरह से तैनात कर सकेगी, खासकर सीमावर्ती हवाई अड्डों पर.

स्वदेशी रक्षा की मज़बूती: यह परीक्षण आत्मनिर्भर भारत मिशन का हिस्सा है. तेजस Mk1A और अस्त्र Mk1 दोनों स्वदेशी हैं, जो भारत की आयातित हथियारों पर निर्भरता को कम करते हैं.

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चुनौतियां और प्रगति

तेजस Mk1A कार्यक्रम को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा है...

इंजन डिलीवरी में देरी: GE F404-IN20 इंजनों की आपूर्ति में देरी के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ. HAL ने पुराने कैटेगरी B इंजनों का उपयोग करके इस समस्या का समाधान किया, जिन्हें बाद में नए इंजनों से बदला जाएगा.

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रडार एकीकरण: ELM-2052 रडार का एकीकरण जटिल था, लेकिन फरवरी 2025 तक यह पूरा हो चुका है.

उत्पादन: HAL ने 2025 में 12 तेजस Mk1A विमानों को डिलीवर करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें पहला विमान जुलाई 2025 तक नासिक प्रोडक्शन लाइन से रोल आउट होगा.

रणनीतिक महत्व

हवाई श्रेष्ठता: अस्त्र Mk1 और तेजस Mk1A का संयोजन भारतीय वायुसेना को पाकिस्तान के JF-17 और चीन के J-10 जैसे विमानों के खिलाफ बढ़त देगा. 100+ किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइल सीमावर्ती क्षेत्रों में हवाई युद्ध में गेम-चेंजर होगी.

ऑपरेशन सिंदूर: मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के हवाई रक्षा तंत्र की कमजोरियों को उजागर किया. तेजस Mk1A और अस्त्र Mk1 इस तरह की रणनीतिक जीत को और मज़बूत करेंगे.

निर्यात की संभावना: तेजस और अस्त्र Mk1 के स्वदेशी होने के कारण भारत इसे मिस्र, अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस जैसे देशों को निर्यात करने की योजना बना रहा है.

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