China का डर... अमेरिका के इस बॉम्बर को माना सबसे बड़ा खतरा, कर सकता है न्यूक्लियर हमला

चीन ने अमेरिका के बी-52एच बॉम्बर को सबसे बड़ा खतरा माना है. यह पुराना विमान परमाणु हथियार ले जा सकता है. लंबी दूरी से हमला कर सकता है. यह दुश्मन की रक्षा को भेद सकता है. चीन के रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह विमान अमेरिका की परमाणु रणनीति का अहम हिस्सा है. चीन के लिए चुनौती है.

Advertisement
अमेरिकी वायुसेना का बमवर्षक बी-52, जिससे चीन डरता है. क्योंकि परमाणु बम गिरा सकता है. (सभी फाइल फोटोः AFP/Reuters) अमेरिकी वायुसेना का बमवर्षक बी-52, जिससे चीन डरता है. क्योंकि परमाणु बम गिरा सकता है. (सभी फाइल फोटोः AFP/Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2025,
  • अपडेटेड 10:21 AM IST

21 मई 2025 को हॉन्गकॉन्ग के अंग्रेजी अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में छपी खबर के अनुसार, चीन के रक्षा विशेषज्ञों ने अमेरिका के बी-52एच स्ट्रैटोफोर्ट्रेस बॉम्बर को सबसे खतरनाक माना है. यह विमान अमेरिका की ओर से चीन के खिलाफ परमाणु हमले की रणनीति में सबसे प्रभावी हथियार है.

वुहान में पीएलए वायु सेना अर्ली वॉर्निंग अकादमी के विशेषज्ञ वांग बिंग्की के नेतृत्व में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई. यह अध्ययन मॉडर्न डिफेंस टेक्नोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ. इसने अमेरिकी वायु सेना के कई हथियारों की जांच की और पाया कि बी-52एच हर मिशन में सबसे बेहतर है, जैसे कि तैनाती, हवाई क्षेत्र में प्रवेश और हमला करना.

Advertisement

यह भी पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर: भोलारी एयरबेस पर IAF ने किया था ब्रह्मोस से हमला... हैंगर में रखे अवॉक्स विमान, 3-4 फाइटर जेट हुए थे नष्ट

बी-52एच: पुराना लेकिन शक्तिशाली

बी-52एच बॉम्बर 1950 के दशक में बनाया गया था, जब शीत युद्ध चल रहा था. लेकिन इसे बार-बार आधुनिक किया गया है. आज यह अमेरिका के परमाणु हथियारों की तिकड़ी (न्यूक्लियर ट्रायड) का अहम हिस्सा है. मिलिट्री बैलेंस 2025 के अनुसार अमेरिकी वायु सेना के पास 58 बी-52एच विमान हैं, जिनमें से 46 परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं. ये विमान अमेरिका की हवाई परमाणु शक्ति का आधार हैं.

बी-52एच की ताकत

यह विमान कई तरह के परमाणु हथियार ले जा सकता है. इसका मुख्य हथियार है एजीएम-86बी एयर-लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल (ALCM), जिसमें डब्ल्यू80-1 थर्मोन्यूक्लियर वारहेड होता है. इसकी ताकत 5 से 150 किलोटन तक हो सकती है. भविष्य में यह एजीएम-181 लॉन्ग-रेंज स्टैंडऑफ (LRSO) मिसाइल से लैस होगा, जो दुश्मन की मजबूत हवाई रक्षा को भेद सकता है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: बंकर छेदने वाली इस राइफल से BSF ने उड़ाई थीं PAK की 76 चौकियां, Operation Sindoor पर एक और खुलासा

बी-52एच की खासियत यह है कि यह दुश्मन के रडार और मिसाइलों की पहुंच से बाहर से हमला कर सकता है. यह एक बार ईंधन भरने के बाद 7200 किलोमीटर तक उड़ सकता है. हवा में ईंधन भरकर दुनिया के किसी भी कोने तक पहुंच सकता है.

यह लंबे समय तक हवा में रह सकता है. अचानक हमला कर सकता है. यह अमेरिका के जॉइंट ऑल-डोमेन कमांड एंड कंट्रोल (JADC2) सिस्टम से जुड़ा है, जिससे यह अन्य हथियारों के साथ मिलकर सटीक हमले कर सकता है.

चीन के लिए चुनौती

चीन के पास एचक्यू-9बी और रूस से खरीदा गया एस-400 जैसे मजबूत हवाई रक्षा सिस्टम हैं. लेकिन बी-52एच की लंबी दूरी की मिसाइलें इनका प्रभाव कम कर देती हैं. यह विमान कई सटीक हथियार ले जा सकता है, जो चीन के सैन्य ठिकानों और कमांड सेंटरों के लिए खतरा हैं.

यह भी पढ़ें: क्यों 5th जेनरेशन फाइटर जेट्स की जरूरत है इंडियन फोर्सेज को? मौजूदा जेट से कितना पावरफुल होगा

अमेरिका की रणनीति

अमेरिका हवाई परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कई कारणों से करता है. इससे युद्ध की स्थिति में नियंत्रण बनाए रखना आसान होता है. साथ ही ये विमान आसानी से स्थान बदल सकते हैं, जो दुश्मनों को चेतावनी देने और युद्ध रोकने में मदद करता है. यह खासकर एशिया और यूरोप में अमेरिका के सहयोगी देशों के लिए महत्वपूर्ण है.

Advertisement

चीन की चिंता

चीन का यह अध्ययन दिखाता है कि बी-52एच जैसे पुराने विमान, जब नए हथियारों के साथ मिलते हैं, तो बहुत खतरनाक हो सकते हैं. जैसे-जैसे भारत-प्रशांत क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है, चीन की सेना इस बात पर ध्यान दे रही है कि अमेरिका की लंबी दूरी की परमाणु हमले की क्षमता को कैसे रोका जाए. यह विमान पुराना हो सकता है, लेकिन इसकी ताकत और आधुनिक तकनीक इसे आज भी बहुत खतरनाक बनाती है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement