बीएसएफ का पहला ड्रोन कमांडो बैच तैयार... ऑपरेशन सिंदूर के बाद ड्रोन वॉरफेयर स्कूल में हुई है ट्रेनिंग

बीएसएफ का पहला ड्रोन युद्ध स्कूल ऑपरेशन सिंदूर के बाद शुरू हो गया है. पहला बैच 42 ड्रोन योद्धा का पूरा हो चुका है, जो आगे और जवानों को ट्रेनिंग देंगे. आठ हफ्ते का कोर्स है. इसमें ड्रोन उड़ाना, निगरानी, जैमिंग, दुश्मन UAV नष्ट करना शामिल है.

Advertisement
बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने स्कूल ऑफ ड्रोन वॉरफेयर का उद्घाटन किया था. साथ में हैं बीएसएफ एकेडमी के डायरेक्टर डॉ. शमशेर सिंह. (Photo: BSF) बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने स्कूल ऑफ ड्रोन वॉरफेयर का उद्घाटन किया था. साथ में हैं बीएसएफ एकेडमी के डायरेक्टर डॉ. शमशेर सिंह. (Photo: BSF)

शिवानी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 22 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:51 PM IST

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भारत का पहला ड्रोन युद्ध स्कूल चला रहा है. यह स्कूल ड्रोन योद्धाओं और कमांडो को ट्रेनिंग दे रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह नई उम्र के युद्ध से निपटने के लिए जरूरी है. पहला बैच पूरा हो चुका है. अब बीएसएफ हवाई खतरों से लड़ने की ताकत बढ़ा रहा है.

पहला बैच सफल: 42 ड्रोन योद्धा तैयार

स्कूल का पहला बैच पूरा हो गया. इसमें 42 ड्रोन योद्धा हैं. ये अधिकारी हैं, जो आगे अपने अधीनस्थों को ट्रेनिंग देंगे. एक और बैच आठ हफ्ते की ट्रेनिंग कर रहा है. ये योद्धा हवाई हमलों से देश की रक्षा करेंगे.

Advertisement

यह भी पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी फेल्योर का एक और सबूत... श्रीनगर के डल झील में मिला फुस्स हुआ 'फतह-1' रॉकेट

स्कूल का मकसद: नई तकनीक से मजबूत रक्षा

बीएसएफ ने यह स्कूल हवाई खतरों से निपटने के लिए बनाया. खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद. यह भारत की रणनीतिक और तकनीकी ताकत बढ़ाएगा. ट्रेनिंग में सिखाया जाता है...

  • ड्रोन उड़ाना (पायलटिंग)
  • निगरानी और टोह लेना (सर्विलांस और रेकॉनिसेंस)
  • ट्रैकिंग और जैमिंग
  • दुश्मन के बिना हथियार वाले ड्रोन (UAVs) को नष्ट करना
  • AI से ट्रैकिंग
  • संघर्ष में दुश्मन पर विस्फोटक गिराना

ये ट्रेनिंग मिशन मोड में चल रही है. योद्धा असली जंग में इस्तेमाल के लिए तैयार हो रहे हैं. स्कूल का उद्घाटन 2 सितंबर को बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत चौधरी ने किया. यह मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास टेकनपुर में ऑफिसर्स अकादमी में है. साल में कम से कम 500 ड्रोन कमांडो और योद्धा तैयार करने का लक्ष्य है. इसके लिए 10-12 बैच चलेंगे. स्कूल को शुरुआती फंडिंग 20 करोड़ रुपये मिली. इसमें सुविधाएं हैं...

Advertisement

यह भी पढ़ें: 'PoK खुद कहेगा- मैं भी भारत हूं', सात समंदर पार से राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को पानी-पानी कर दिया

  • सिमुलेटर और लाइव ड्रोन उड़ान क्षेत्र.
  • UAVs में पेलोड जोड़ने की सुविधा.
  • रात के ऑपरेशन के लिए.
  • रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) जैमर और काइनेटिक इंटरसेप्टर टूल्स.
  • हार्डवेयर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) उपकरण.

ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव

ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान को सख्त जवाब दिया. पहलगाम हमले के बाद यह कार्रवाई हुई. अब ड्रोन स्कूल से बीएसएफ हवाई युद्ध में माहिर बनेगा. इससे सीमा पर सुरक्षा मजबूत होगी. विशेषज्ञ कहते हैं कि ड्रोन नई जंग का हथियार हैं. भारत अब इसमें आगे बढ़ रहा है.यह स्कूल बीएसएफ की नई ताकत है. ड्रोन कमांडो देश की रक्षा में अहम भूमिका निभाएंगे. जल्द ही और बैच तैयार होंगे. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement