ऑपरेशन सिंदूर के चार दिनों ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया, जिसमें उसके दर्जन भर से ज्यादा वायु अड्डों को नुकसान पहुंचा. भारत ने पाकिस्तान की परमाणु धमकियों को सिरे से खारिज कर दिया है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक नई रक्षा नीति बनाई है.
विदेश मंत्रालय (MEA) ने फिर से साफ किया है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की बातें बेबुनियाद हैं. मुनीर ने फ्लोरिडा एक निजी डिनर में कहा था कि हम एक परमाणु शक्ति हैं. अगर हमें लगता है कि हम खतरें में हैं, तो हम दुनिया के आधे हिस्से को साथ ले जाएंगे.
मुनीर की धमकियां और सिंधु नदी विवाद
मुनीर ने भारत पर निशाना साधते हुए सिंधु नदी के नियंत्रण को लेकर भी धमकी दी. उन्होंने कहा कि हम इंतजार करेंगे जब तक भारत कोई बांध नहीं बनाता. और जब वह बनाएगा, तो हम 10 मिसाइलों से उसे खत्म कर देंगे. उन्होंने आगे कहा कि सिंधु नदी भारत की निजी संपत्ति नहीं है. हमारे पास मिसाइलों की कोई कमी नहीं है.
यह भी पढ़ें: किराना हिल्स भूल गए क्या मुनीर? क्यों परमाणु हमले की पाकिस्तानी धमकी में दम नहीं, दोनों की न्यूक क्षमता जानिए
भारत का जवाब
विदेश मंत्रालय ने मुनीर के बयान की कड़ी निंदा की है. इसे "परमाणु तलवारबाजी" करार देते हुए कहा गया कि यह पाकिस्तान की पुरानी आदत है. MEA ने कहा कि ये बातें एक ऐसे देश में परमाणु कमान और नियंत्रण की ईमानदारी पर संदेह को मजबूत करती हैं, जहां सेना आतंकवादी संगठनों के साथ मिली हुई है.
साथ ही, यह दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया कि ये धमकियां एक मित्र देश की धरती से दी गईं. भारत ने स्पष्ट किया कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा.
असली तस्वीर: मुनीर की धमकियों की हकीकत
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की ताकत का परिचय कराया, जिसमें उसके पास 172 परमाणु हथियार हैं. भारत अपने परमाणु हथियारों की रेंज और ताकत को लगातार बढ़ा रहा है, जिसमें लंबी दूरी की ICBM मिसाइलें शामिल हैं. भारत का नीति है कि वह पहले परमाणु हमला नहीं करेगा (No First Use Policy). दूसरी ओर, पाकिस्तान की परमाणु नीति अस्पष्ट है. ज्यादातर छोटी दूरी के हथियारों पर निर्भर है.
यह भी पढ़ें: India Vs Pakistan: सेना और हथियारों पर खर्च के मामले में भारत के सामने कहां टिकता है पाकिस्तान? देख लीजिए आंकड़े
मुनीर का "दुनिया का आधा हिस्सा तबाह करने" का दावा वैश्विक हमले की क्षमता दिखाता है, लेकिन हकीकत में पाकिस्तान के पास सीमित रेंज के हथियार हैं. हाल ही में अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अपने परमाणु भंडार को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, जो आने वाले सालों में खतरा बन सकता है. वर्तमान में पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियार हैं. नीचे इनका पूरा ब्यौरा है...
पाकिस्तान के परमाणु हथियार (2023 तक)
हवाई हथियार
मिराज III/V
JF-17
कुल (हवाई हथियार): 36 वारहेड्स
जमीन से लॉन्च होने वाले हथियार
अब्दाली (हत्फ-2)
गजनवी (हत्फ-3)
शाहीन-1/A (हत्फ-4)
शाहीन-II (हत्फ-6)
शाहीन-III (हत्फ-6)
गौरी (हत्फ-5)
नस्र (हत्फ-9)
अबाबील (हत्फ-8)
बाबर-1A GLCM (हत्फ-7)
बाबर-2/1B GLCM (हत्फ-7)
कुल (भूमि-आधारित हथियार): 126 वारहेड्स
समुद्र-आधारित हथियार
बाबर-3 SLCM (हत्फ-7)
अन्य वॉरहेड्स: 170*
(नोट: रेंज बिना ईंधन भरे युद्ध क्षेत्र की सीमा है. वारहेड की ताकत 1998 के परमाणु परीक्षणों के आधार पर है. कुछ हथियारों में एक से ज्यादा मिसाइलें हो सकती हैं, लेकिन औसतन एक लॉन्चर पर एक वॉरहेड माना गया है.)
पाकिस्तान की परमाणु ताकत की सीमाएं
सीमित रेंजः मुनीर का दुनिया का आधा हिस्सा तबाह करने का दावा गलत है. उनकी सबसे लंबी रेंज वाली मिसाइल शाहीन-III की रेंज 2,750 किमी है, जो वैश्विक हमले के लिए काफी नहीं है. यह सिर्फ क्षेत्रीय लक्ष्य (भारत) तक सीमित है.
छोटी दूरी के हथियारों पर निर्भरताः ज्यादातर हथियार, जैसे नस्र (60-70 किमी रेंज), युद्धक्षेत्र के लिए हैं. उनकी नीति अस्पष्ट है. वैश्विक हमले की बजाय स्थानीय बचाव पर केंद्रित है.
सीमित हवाई क्षमताः हवाई हमले के लिए पुराने मिराज III/V (1998 से) और संभवतः JF-17 पर भरोसा है. लंबी दूरी का बमवर्षक नहीं है.
कमजोर समुद्री शक्तिः बाबर-3 SLCM की रेंज 450 किमी है, जो भारत के बढ़ते SSBN बेड़े के मुकाबले बहुत कमजोर है.
तैयारी में कमीः 170 वॉरहेड्स में से कई दोहरे इस्तेमाल वाले लॉन्चरों से जुड़े हैं, इसलिए सभी एक साथ परमाणु हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं हो सकते.
तकनीकी कमियांः ज्यादातर हथियार लिक्विड-फ्यूल वाले हैं, जो धीमे और कम सुरक्षित हैं. MIRV और सटीक हमले की क्षमता भारत के मुकाबले कमजोर है.
हमले की संभावनाः छोटे और निश्चित लॉन्च साइट्स ऑपरेशन सिंदूर जैसी पूर्व-हमले की कार्रवाई के लिए कमजोर हैं.
शिवानी शर्मा