Babbar Khalsa Member Akashdeep Singh Arrest: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश करते हुए बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़े आतंकी आकाशदीप सिंह उर्फ बाज़ को गिरफ्तार किया है. 22 वर्षीय बाज़ पंजाब के अमृतसर का रहने वाला है और अप्रैल 2025 में पंजाब के बटाला के क्विला लाल सिंह थाने पर हुए ग्रेनेड हमले में शामिल था. आरोपी को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया गया है.
BKI से जुड़ा है आतंकी आकाशदीप सिंह उर्फ बाज़
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़े आतंकी आकाशदीप सिंह उर्फ बाज़ को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया है. उसकी उम्र 22 साल है और वह अमृतसर के चनांके गांव का रहने वाला है. उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज है.
ग्रेनेड अटैक में था शामिल
आकाशदीप ने पूछताछ में कबूल किया है कि वह अप्रैल 2025 में पंजाब के बटाला जिले के क्विला लाल सिंह थाने पर हुए ग्रेनेड हमले में शामिल था. इस हमले की जिम्मेदारी BKI से जुड़े हैप्पी पचिया, मन्नू अगवान और गोपी नवांशहरिया ने ली थी. इस हमले के बाद दिल्ली को दहलाने की धमकी भी दी गई थी.
सोशल मीडिया के जरिए संपर्क
आकाशदीप ने बताया कि वह बब्बर खालसा इंटरनेशनल के एक विदेशी हैंडलर के संपर्क में था. सोशल मीडिया ऐप्स के जरिए वह लगातार निर्देश प्राप्त कर रहा था. उसे आतंकी गतिविधियों के लिए उकसाया जा रहा था.
इंदौर में छुपा था आकाशदीप
पुलिस जांच में पता चला कि आकाशदीप सिंह इंदौर की एक कंस्ट्रक्शन साइट पर क्रेन ऑपरेटर की नौकरी कर रहा था. वह गुजरात से भागकर मध्यप्रदेश आया था. उसे लगातार निगरानी के बाद 22 जुलाई 2025 को इंदौर से गिरफ्तार किया गया.
कानून व्यवस्था बिगाड़ने की थी साजिश
स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि BKI मॉड्यूल दिल्ली की सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है. आकाशदीप द्वारा सप्लाई किए जा रहे हथियार इसी मंशा का हिस्सा थे. उसके खिलाफ पहले से आर्म्स एक्ट का केस दर्ज था.
पंजाब पुलिस और स्पेशल सेल की कार्रवाई
इस गिरफ्तारी में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल नई दिल्ली रेंज की टीम शामिल रही. टीम की अगुवाई इंस्पेक्टर अशोक कुमार भड़ाना कर रहे थे. उन्होंने इंदौर में छापेमारी की और आतंकी आकाशदीप को धर दबोचा.
पूछताछ में सामने आ सकते हैं और नाम
फिलहाल आरोपी से पूछताछ जारी है और पुलिस को उम्मीद है कि उससे और भी आतंकी नेटवर्क्स की जानकारी मिल सकती है. सोशल मीडिया, हैंडलर और फंडिंग के लिंक खंगाले जा रहे हैं. केस की जांच में कई एजेंसियां जुड़ी हुई हैं.
अरविंद ओझा