भारत के रियल एस्टेट मार्केट में हाल के दिनों में तेज़ी देखने को मिली है, लेकिन अनुभवी सलाहकार और बाजार विशेषज्ञ अतीत की गलतियों को दोहराने के ख़िलाफ आगाह कर रहे हैं. राजदीप चौहान जैसे रियल एस्टेट सलाहकार का मानना है कि इस 'बुलेटप्रूफ़' दिखने वाली तेज़ी के पीछे छिपी अस्थिरता को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
राजदीप चौहान चेतावनी देते हैं कि प्रॉपर्टी की कीमतें हमेशा नहीं बढ़तीं, और जापान, चीन और अमेरिका में पिछली दुर्घटनाएं साबित करती हैं कि जब बुनियादी सिद्धांत फिसलते हैं तो क्या होता है. चौहान एक लिंक्डइन पोस्ट में लिखते हैं, “आपके चाचा ने 2007 में एक फ्लैट खरीदा था, वह अभी भी ब्रेक ईवन का इंतज़ार कर रहे हैं.”
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प्रॉपर्टी का मूल्य तभी बढ़ता है, जब आर्थिक स्थितियां उसका समर्थन करती हैं. चौहान इस लोकप्रिय धारणा को खारिज करते हैं कि रियल एस्टेट एक गारंटीड जीत है, इसके बजाय वह दुनिया भर के कठोर सुधारों की ओर इशारा करते हैं.
वह बताते हैं, “1989 में, जापान का प्रॉपर्टी बाज़ार इतना तेज़ था कि टोक्यो के इम्पीरियल पैलेस के नीचे की जमीन की कीमत पूरे कैलिफ़ोर्निया से भी ज़्यादा हो गई थी. “फिर वह बाज़ार गिर गया. 2001 तक, ज़मीन की कीमतें 70 प्रतिशत तक कम हो चुकी थीं. जिन लोगों ने 1989 में सबसे ऊंचे दाम पर प्रॉपर्टी खरीदी थी, वे अभी भी घाटे में हैं. इस बात को 36 साल हो चुके हैं.” वो अमेरिका को भी नहीं छोड़ते हैं. 2007 और 2009 के बीच संपत्ति की कीमतें 19 प्रतिशत गिर गईं. अकेले 2009 में 28 लाख से अधिक फ़ोरक्लोज़र हुए. मकान मालिकों को अपनी इक्विटी वापस पाने के लिए ही पांच से सात साल तक इंतज़ार करना पड़ा.”
लेकिन चौहान का तर्क है कि भारत, फिलहाल, कुछ सही कारणों से अलग है. वह कहते हैं, "भारत उन सभी जरूरी बातों पर खरा उतरता है. "वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 7.8 प्रतिशत बढ़ा. हमारे शहरी क्षेत्रों में 10 करोड़ से अधिक लोग जुड़ रहे हैं. ऑफिस की जगह की मांग और आपूर्ति का अनुपात 0.49 है. यानी हर 2 वर्ग फ़ुट की मांग के लिए, हम सिर्फ़ 1 वर्ग फ़ुट बना रहे हैं." यही बात मौजूदा समय को विकास के लिए सही बनाती है. फिर भी, उनकी चेतावनी बरकरार है.
राजदीप लिखते हैं, "चीन से पूछिए कि 26 प्रतिशत खाली ऑफ़िस के साथ कैसा महसूस होता है. जापान से पूछिए कि 1990 का साल कैसा रहा. उन अमेरिकियों से पूछिए जिन्होंने 2007 में प्रॉपर्टी खरीदी थी." "जब बुनियादी चीज़ें सही बैठती हैं, तो आप पैसा कमाते हैं. जब वे सही नहीं बैठतीं, तो आप किसी और की शादी में सुनाई जाने वाली चेतावनी की कहानी बन जाते हैं."
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