मंदिरों के शहर में प्रॉपर्टी खरीदने की होड़, अयोध्या या वृंदावन कहां मिलेगा तगड़ा रिटर्न

भगनाव राम की नगरी अयोध्या और कृष्ण की नगरी वृंदावन दोनों शहरों में पिछले कुछ सालों में टूरिज्म सेक्टर के साथ-साथ रियल एस्टेट मार्केट में भी तेजी देखी गई हैं. अब लोग इन शहरों में सिर्फ मंदिर दर्शन नहीं, बल्कि रहने और निवेश के लिए प्रॉपर्टी ले रहे हैं.

Advertisement
अयोध्या और वृंदावन में प्रॉपर्टी की कीमतें तेजी से बढ़ीं (Photo-ITG) अयोध्या और वृंदावन में प्रॉपर्टी की कीमतें तेजी से बढ़ीं (Photo-ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:47 AM IST

उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट बाजार में अयोध्या और वृंदावन दो ऐसे आध्यात्मिक केंद्रों के रूप में उभरे हैं, जो निवेश के बड़े हॉटस्पॉट बन गए हैं. श्री राम और श्री कृष्ण की जन्मस्थली होने के कारण इन शहरों का महत्व सदियों से रहा है, लेकिन अब यहां की तस्वीर बदल रही है. आध्यात्मिक पर्यटन में आए इस जबरदस्त उछाल ने इन दोनों शहरों को रियल एस्टेट और आर्थिक निवेश के सबसे बड़े केंद्रों में बदल दिया है. 

Advertisement

अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और भव्य राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ, वृंदावन (मथुरा) में बेहतर कनेक्टिविटी और बांके बिहारी कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं ने निवेशकों का ध्यान खींचा है.

यह भी पढ़ें: दिल्ली-NCR की 'जहरीली हवा' ने बदला रियल एस्टेट का ट्रेंड, अब पहाड़ों पर घर तलाश रहे लोग 

अयोध्या बना सबसे प्रमुख आध्यात्मिक स्थल

वास्तव में, अयोध्या का राम मंदिर अब भारत में श्रद्धालुओं द्वारा देखा जाने वाला सबसे प्रमुख आध्यात्मिक स्थल बनकर उभरा है. उत्तर प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से जून के बीच ही लगभग 23 करोड़ लोगों ने अयोध्या में दर्शन किए, जो कि पहले के पर्यटन आंकड़ों की तुलना में चार से पांच गुना अधिक है. सरकारी अनुमानों के मुताबिक, साल के अंत तक यह संख्या 50 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप, रूस और कई एशियाई देशों के पर्यटकों की एक बड़ी संख्या शामिल होगी.

Advertisement

वहीं वृंदावन में भी भगवान कृष्ण के प्रति भक्तों का उत्साह बरकरार है. 'लायसेस फोरास' की एक रिपोर्ट बताती है कि अगले एक दशक में यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या करीब 4.5 गुना बढ़कर सालाना 11 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. होली, जन्माष्टमी और कार्तिक पूर्णिमा जैसे प्रमुख त्योहारों के दौरान यह शहर रंगों और भक्ति के उल्लास से सराबोर रहता है, जो न केवल भारत के कोने-कोने से बल्कि विदेशों से भी भारी भीड़ को आकर्षित करता है.

रियल एस्टेट सेक्टर पर असर  

रियल एस्टेट की बात करें तो वृंदावन में पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रेम मंदिर के पीछे और राधा कुंड रोड जैसे प्रमुख क्षेत्रों में जमीन की कीमतों में तीन गुना से अधिक का उछाल आया है. प्रॉपर्टी बाजार में आई इस तेजी के पीछे बांके बिहारी कॉरिडोर, विशाल वृंदावन चंद्रोदय मंदिर, नया बाईपास और यमुना जल मार्ग जैसी प्रमुख परियोजनाएं मुख्य कारक रही हैं. इसी तरह, भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में 2019 के बाद से रियल एस्टेट की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है, जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया था. 

मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में संपत्ति की कीमतें 5 से 10 गुना तक बढ़ गई हैं, जबकि शहर के बाहरी इलाकों में भी कीमतों में चार से आठ गुना तक का इजाफा हुआ है. रियल एस्टेट की कीमतों में यह वृद्धि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा और अन्य विकास कार्यों से प्रेरित है, जिसने अयोध्या को उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित कर दिया है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: गोवा टूरिस्ट स्पॉट से बना रियल एस्टेट का हॉटस्पॉट, दिल्ली-मुंबई को दे रहा है टक्कर

स्थान और कनेक्टिविटी

भौगोलिक स्थिति की बात करें तो अयोध्या रणनीतिक रूप से राज्य की राजधानी लखनऊ के करीब स्थित है, जिससे यहां हवाई और सड़क मार्ग से पहुंचना काफी आसान है. अब अयोध्या जिले में एक विकसित हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन है, जिससे मंदिर तक की यात्रा पहले की तुलना में बहुत सुलभ हो गई है. हालांकि, अयोध्या राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 700 किलोमीटर से अधिक दूर है, जहां पहुंचने में ट्रेन से कम से कम 8 घंटे और सड़क मार्ग से 10-12 घंटे का समय लगता है.

दूसरी ओर, वृंदावन दिल्ली से मात्र 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो रेल और सड़क मार्ग से तीर्थयात्रियों के लिए बहुत सुलभ है. यहां अपना कोई हवाई अड्डा नहीं है, लेकिन श्रद्धालु 60 किमी दूर आगरा हवाई अड्डे, 90 किमी दूर आगामी जेवर हवाई अड्डे या 150 किमी दूर दिल्ली के आईजीआई (IGI) हवाई अड्डे के माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

PropertyPistol के संस्थापक और एमडी आशीष नारायण अग्रवाल कहते हैं- "अयोध्या का प्रॉपर्टी बाजार काफी तेजी से बढ़ रहा है. अयोध्या मास्टर प्लान 2031 के तहत बुनियादी ढांचे में भारी निवेश, बड़े होटल ब्रांडों की उपस्थिति, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण और बड़े डेवलपर्स के निवेश के कारण जमीनों की कीमतें बढ़ रही हैं. वहीं, वृंदावन लंबे समय से एक आध्यात्मिक केंद्र रहा है, लेकिन बांके बिहारी कॉरिडोर, ब्रज विकास योजना, स्मार्ट सिटी प्लान और एनएच-44 (NH44) व यमुना एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी जैसे नए विकास कार्यों ने यहां रियल एस्टेट के लिए बेहतरीन अवसर पैदा किए हैं."

Advertisement

दोनों शहरों में प्लॉट और आवासीय संपत्तियों, जैसे कि 'सेकंड होम' या रिटायरमेंट होम की मांग में व्यापक वृद्धि देखी जा रही है. हालांकि, राम मंदिर के उद्घाटन के कारण अयोध्या में कीमतों में वृद्धि की गति अधिक तेज रही है, जबकि वृंदावन का विकास वर्षों से निरंतर और स्थिर मूल्य वृद्धि के साथ आगे बढ़ रहा है. जेनिका वेंचर्स (Jenika Ventures) के संस्थापक और सीईओ अभिषेक राज का कहना है कि दोनों शहरों में विकास का पैटर्न अलग-अलग है.

यह भी पढ़ें: वाटर मेट्रो से बदलेगी UP के 6 शहरों की तस्वीर, रियल एस्टेट और टूरिज्म पर भी पड़ेगा असर

कहां मिलेगा ज्यादा मुनाफा?

"वर्तमान में, अयोध्या में सड़कों, हवाई अड्डों, रेलवे, रिवरफ्रंट क्षेत्रों और सार्वजनिक सुविधाओं के विकास के लिए नियोजित भारी सरकारी निवेश के कारण तेजी से और संरचित विकास हो रहा है. पूंजी वृद्धि के मामले में अयोध्या में बेहतर संभावनाएं नजर आती हैं.' दूसरी ओर, वृंदावन का रियल एस्टेट बाजार पहले से ही स्थापित है और वहां के बाजार रुझान स्थिर हैं. मुख्य ध्यान संरक्षण, पर्यटन, सड़कों के विस्तार और राज्य व केंद्र सरकारों की विकास पहलों पर है. इन दोनों के बीच, बुनियादी ढांचे के व्यापक विकास और चल रही योजना गतिविधियों के कारण फिलहाल विकास के मामले में अयोध्या निवेश का अपेक्षाकृत बेहतर अवसर प्रदान करता है, जबकि वृंदावन अपने धार्मिक पर्यटन क्षमता के कारण कम जोखिम वाले निवेश के लिए आकर्षक बना हुआ है."

Advertisement

प्रॉपटेक कंसल्टेंसी फर्म MORES के सीईओ मोहित मित्तल ने कहते हैं-, "अयोध्या अब एक तीर्थ नगरी की पहचान से आगे बढ़कर राष्ट्रीय महत्व के शहर के रूप में उभरा है. बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा कार्यक्रम इसकी कनेक्टिविटी, शहरी स्वरूप और दीर्घकालिक आर्थिक क्षमता को बदल रहे हैं. इसके विपरीत, "वृंदावन में रियल एस्टेट की बढ़त बहुत ही संतुलित और यहां की पुरानी संस्कृति को ध्यान में रखकर हो रही है. यहां का बाजार अचानक से शहर फैलने की वजह से नहीं, बल्कि साल भर आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय विकास की वजह से टिका हुआ है, इसलिए, जो लोग यहां पैसा लगाना चाहते हैं, उन्हें रातों-रात मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए. '

क्या है प्रॉपर्टी का दाम?

अयोध्या में इस समय संपत्तियों की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है. प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के पास आवासीय भूमि और अपार्टमेंट की कीमतें 8,000 रुपये से 20,000 रुपये प्रति वर्ग फुट के बीच हैं. सरकारी योजनाओं के अनुसार, 2031 तक अयोध्या में 85,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का लक्ष्य रखा गया है, जो इसे एक एकीकृत शहरी और पर्यटन अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करेगा.

इसकी तुलना में, वृंदावन में आवासीय प्लॉट की कीमतें आमतौर पर 40,000 रुपये से 70,000 रुपये प्रति वर्ग गज के बीच रहती हैं. यहां की कीमतें मुख्य रूप से प्रमुख मंदिरों और तीर्थ कॉरिडोर से निकटता पर निर्भर करती हैं. बुनियादी ढांचे का विकास मथुरा-वृंदावन-ब्रज मास्टर प्लान के तहत हो रहा है, जिसके लिए लगभग 30,000 करोड़ रुपये का बजट अनुमानित है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: UP के ये शहर बनने वाले हैं रियल एस्टेट का हब, निवेश कर पा सकते हैं मोटा मुनाफा

मैजिकब्रिक्स रिसर्च (Magicbricks Research) के अनुसार, अयोध्या और वृंदावन दोनों ही रियल एस्टेट की नई रफ्तार का लाभ उठा रहे हैं. अयोध्या फिलहाल एक 'हाई-ग्रोथ' निवेश बाजार के रूप में उभर रहा है, जो इसकी कीमतों में आई जबरदस्त तेजी और बढ़ती मांग से झलकता है. हालिया आंकड़ों के मुताबिक, अयोध्या में औसत आवासीय कीमतें जुलाई-सितंबर 2024 के लगभग 5,772 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर जुलाई-सितंबर 2025 में 6,531 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं, जो सालाना 13 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्शाती हैं.

तुलनात्मक रूप से, वृंदावन में वृद्धि स्थिर रही है, जहां कीमतें सालाना लगभग 8.2 प्रतिशत बढ़कर करीब 7,407 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई हैं. हालांकि वृंदावन स्थिर और दीर्घकालिक निवेश के लिए अब भी आकर्षक बना हुआ है, लेकिन अयोध्या वर्तमान में अपने बेहतर मूल्य वृद्धि बुनियादी ढांचे की गति और पूंजीगत बढ़त की अधिक गुंजाइश के कारण एक बेहतर रियल एस्टेट निवेश गंतव्य के रूप में अलग नजर आता है.

---- समाप्त ----
रिपोर्ट-असीम थपलियाल

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement