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US-ईरान टेंशन का भारत पर न हो असर, मोदी सरकार ने उठाए ये कदम

aajtak.in
  • 10 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:27 PM IST
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बीते सप्‍ताह अमेरिका के एक हवाई हमले में ईरान की सेना के वरिष्ठ अधिकारी कासिम सुलेमानी की मौत के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है. इस हमले के बाद ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई की और इराक में स्थित अमैरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल से हमले किए गए.

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अमेरिका और ईरान के बीच तनाव की वजह से कच्चा तेल उछलकर 3 महीने के उच्चतम स्तर 72 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. इसका मतलब ये है कि आने वाले दिनों में भारत में तेल के दाम बढ़ सकते हैं.

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हालांकि अमेरिका की ओर से नरमी के भी संकेत मिले हैं और इसके बाद कच्‍चे तेल के भाव भी कम हो गए हैं. दोनों देशों के बीच नरमी कब तक बरकरार रहती है, यह देखना अहम है. लेकिन भारत इस हालात से निपटने के लिए तैयारी में जुट गया है.

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केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि कच्चा तेल की वैश्विक कीमतों में आ रही तेजी को देखते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर नजर बनाए हुए हैं. उन्‍होंने बताया कि एस जयशंकर ने सभी हितधारकों से बात की है.

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इसके अलावा कच्चा तेल आपूर्ति करने वाले मुख्य देशों के विदेश मंत्रियों को भी भारत की चिंताओं से अवगत कराया है. इसके साथ ही धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में ये दावा भी किया है कि भारत हर तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए सभी स्तर पर तैयारियां कर रहा है.

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धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत के लिए अभी संकट जैसी कोई स्थिति नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय, पेट्रोलियम मंत्रालय, विदेश विभाग सभी का इस पर ध्यान है.

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इस बीच, पेट्रोल दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में 15 पैसे लीटर महंगा हो गया और डीजल का दाम दिल्ली और कोलकाता में 11 पैसे जबकि मुंबई और चेन्नई में 12 पैसे प्रति लीटर बढ़ गया. देश के अन्य शहरों व क्षेत्रों में भी पेट्रोल और डीजल के दाम में इजाफा हुआ है. देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का दाम 76 रुपये लीटर के करीब हो गया है जबकि डीजल के कीमत 69 रुपये से ज्यादा हो गया है.

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