किसी भी व्यक्ति का बुढ़ापे में अपने जीवन यापन को लेकर चिंतित होना स्वभाविक है. यही वजह है कि बुढ़ापे की चिंता करने वाले लोग अपनी कमाई के दौरान ही निवेश शुरू कर देते हैं. लेकिन सरकार की एक ऐसी भी स्कीम है जिसमें निवेश के बाद हर महीने 10 हजार रुपये तक की पेंशन ले सकते हैं... आइए इस स्कीम के बारे में विस्तार से जानते हैं..
दरअसल, एलआईसी के जरिए संचालित होने वाली ''प्रधानमंत्री वय वंदना योजना'' के तहत सरकार ने बुजुर्गों के लिए पेंशन की व्यवस्था की है. इस योजना के तहत मिनिमम एंट्री एज 60 साल है.
इसका मतलब ये है कि 60 साल की उम्र के बाद ही इस स्कीम का फायदा उठाया जा सकता है. इसके तहत 10 साल तक एक तय दर से गारंटीशुदा पेंशन मिलती है. अगर आपको 10 साल बाद फिर से पेंशन शुरू करना है तो दोबारा स्कीम में निवेश करना होगा.
अगर आपने मासिक विकल्प का चयन किया तो हर महीने पेंशन मिलेगा. जबकि तिमाही
चयन पर हर तीन महीने बाद एकमुश्त पेंशन मिलता है. इसी तरह छमाही या
सालाना विकल्प चयन पर क्रमश : 6 या 12 महीने बाद एकमुश्त पेंशन मिलेगा.
यहां बता दें कि स्कीम में निवेश के 1 साल बाद पेंशन की पहली किश्त मिलती
है. वहीं मासिक आधार पर पेंशन की न्यूनतम रकम 1 हजार रुपये जबकि अधिकतम
10 हजार रुपये है.
निवेशकों को पॉलिसी की खरीद को सरकार की ओर से सर्विस टैक्स या जीएसटी से
छूट प्राप्त है. हालांकि इस स्कीम में टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है. निवेश
के 3 साल बाद लोन सुविधा भी उपलब्ध है.अधिकतम लोन की रकम परचेज प्राइस का
75 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती है.
इसके साथ ही कुछ खास परिस्थितियों में प्री-मैच्योर विद्ड्रॉल की इजाजत मिलती है. अहम बात ये है कि इस पेंशन स्कीम में मेडिकल एग्जामिनेशन की भी जरूरत नहीं है. फिलहाल सरकार इस योजना के तहत जमा की गई रकम पर 8 से 8.30 फीसदी तक ब्याज देती है.