हर कोई अपने सुरक्षित भविष्य के लिए पेंशन का इंतजाम करता है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के कर्मचारियों के लिए भी रिटायरमेंट के बाद पेंशन का इंतजाम है.
हालांकि, EPFO द्वारा प्रबंधित कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) के तहत आने वाले कर्मचारी लंबे समय से पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
अब इन रिटायर्ड कर्मचारियों की मांग पर सरकार गंभीर नजर आ रही है. दरअसल, बीते बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत आने वाले पेंशनभोगियों से मुलाकात की.
इस मुलाकात की जानकारी देते हुए ईपीएस- 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के अध्यक्ष अशोक राउत ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी मांगों को गौर से सुना और ठोस आश्वासन दिया.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस मुलाकात की अगुवाई मथुरा से सांसद हेमा
मालिनी कर रही थीं. बता दें कि ईपीएस-95 के तहत फिलहाल न्यूनतम पेंशन
1,000 रुपये मासिक है. वहीं, अधिकतम मासिक पेंशन राशि 7,500 रुपये है.
इसकी जानकारी देते हुए अशोक राउत ने बताया कि कर्मचारियों के ईपीएस मद में 30 साल की नौकरी के दौरान 20-30 लाख रुपये तक जमा होता है. इसके बावजूद अधिकतम मासिक पेंशन 2,500 रुपये तक ही मिल रही है. इससे कर्मचारियों और उनके परिजनों का गुजर - बसर करना कठिन है.
यहां बता दें कि ईपीएस-95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन (15,000 रुपये की सीमा) का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है. वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है. इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है.
बहरहाल, अगर सरकार इन मांग को मान लेती है तो करीब 65 लाख रिटायर्ड कर्मचारियों को फायदा मिलने की उम्मीद है.