बीते कुछ दिनों में मोदी सरकार ने पेंशन से जुड़े कई नियमों में बदलाव किए हैं. हाल ही में सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम स्कीम से जुड़े कुछ सरकारी कर्मचारियों को ‘पुरानी पेंशन स्कीम’में शामिल होने की छूट दी है.
वहीं अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के पेंशनधारकों के लिए भी एक खास बदलाव किया गया है. सरकार के इस फैसले से करीब 6 लाख से अधिक लोगों को राहत मिलेगी. आइए जानते हैं इस खास बदलाव के बारे में...
दरअसल, हाल ही में लेबर मिनिस्ट्री ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इस नोटिफिकेशन के बाद अब EPFO पेंशनधारकों को फुल पेंशन मिलने का रास्ता साफ हो गया है.
सरकार का ये फैसला उन्हीं लोगों पर लागू होगा जो रिटायरमेंट के वक्त पेंशन कम्युटेशन का विकल्प चुनते हैं. यहां बता दें कि पेंशन कम्युटेशन के तहत ईपीएफओ रिटायरर्ड कर्मचारियों की 15 साल की पेंशन का एक तिहाई हिस्सा काटकर उसे एकमुश्त दे देता है.
पेंशनधारक 15 साल बाद दोबारा अपनी मासिक पूरी रकम पाने का हकदार हो जाता है. आसान भाषा में समझें तो अब जो कर्मचारी 1 अप्रैल, 2005 को रिटायर हुआ है, वह 15 साल बाद यानी 1 अप्रैल, 2020 से अधिक पेंशन पाने का हकदार है.
ऐसा नहीं है कि पहली बार यह व्यवस्था लागू हो रही है. साल 2009 से पहले रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि प्राप्त करने की सुविधा थी. हालांकि इसके बाद ईपीएफओ ने 2009 में इस प्रावधान को वापस ले लिया था.
वहीं अगस्त 2019 को ईपीएफओ की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने एक बार फिर
पेंशन कम्युटेशन प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
अब इसी आदेश को लेबर मिनिस्ट्री ने नोटिफाई किया है. बहरहाल, इस फैसले से 6.3 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलने वाला है.