दरअसल, अंतर मंत्रालयी समूह ने देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के निजीकरण के लिए बिक्री बोली दस्तावेज को मंजूरी दे दी है. मंत्रियों के समूह की मंजूरी के बाद बोली आमंत्रित करने को लेकर नोटिस जारी किया जाएगा. (Photo: File)
अंतर-मंत्रालयी समूह (IMG) में वित्त, पेट्रोलियम, विधि, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय और विनिवेश विभाग के प्रतिनिधि शामिल हैं. समूह ने कंपनी के लिए रूचि पत्र और प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (PIM) को मंजूरी दे दी है. (Photo: File)
मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार इसे अब मंजूरी के लिए बनी वैकल्पिक व्यवस्था के समक्ष रखा जाएगा, यह व्यवस्था प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों का छोटा समूह है. मंजूरी मिलने के बाद संभावित खरीदारों से बोली आमंत्रित करने को लेकर रूचि पत्र जारी किया जाएगा. ईओआई के साथ पीआईएम इस महीने बाजार में रखा जा सकता है. (Photo: File)
सरकार की BPCL में अपनी पूरी 53.29 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना है. इससे खरीदारों को देश की 14 फीसदी तेल रिफाइनिंग क्षमता और 20 फीसदी ईंधन बाजार हिस्सेदारी तक पहुंच होगी. (Photo: File)
सूत्रों ने कहा कि बोली के लिए दो स्तरीय प्रक्रिया का अनुकरण किया जाएगा. इसके तहत पहले चरण में अनुरोध प्रस्ताव (RFP) आमंत्रित किया जाएगा और उसके बाद दूसरे चरण में पात्र बोलीदाताओं द्वारा जांच-पड़ताल सह बोली की प्रक्रिया होगी. (Photo: File)
BPCL का बाजार पूंजीकरण 1.03 लाख करोड़ रुपये है. मौजूदा भाव पर सरकार की हिस्सेदारी करीब 54,000 करोड़ रुपये है. सफल बोलीदाता को उसी भाव पर 26 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण को लेकर अन्य शेयरधारकों के लिए खुली पेशकश करनी होगी. सरकार ने 2020-21 में विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इस लिहाज से बीपीसीएल का निजीकरण महत्वपूर्ण है. (Photo: File)
बीपीसीएल मुंबई (महाराष्ट्र), कोच्चि (केरल), बीना (मध्य प्रदेश) और नुमालीगढ़ (असम) में चार रिफाइनरी का परिचालन करती है. इनकी संयुक्त रूप से क्षमता 3.83 करोड़ टन है. यह देश की रिफाइनिंग क्षमता 24.94 करोड़ टन का 15 प्रतिशत है. नुमालीगढ़ रिफाइनरी को BPCL से अलग कर दिया गया है. ऐसे में बीपीसीएल खरीदने वाले को 3.53 करोड़ टन की रिफाइनिंग क्षमता प्राप्त होगी. (Photo: File)