जीएसटी के जरिये टैक्स चोरी के खिलाफ सरकार ने मोर्चा खोल दिया है. दरअसल लगातार जीएसटी कलेक्शन घटने से सरकार हरकत में आ गई है. इसी कड़ी में दिल्ली में जीएसटी चोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है. अधिकारी लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए थे और अब जाकर 241 करोड़ का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है. (Photo: File)
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अधिकारियों ने 1,600 करोड़ रुपये के फर्जी रसीदों के जरिये 241 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी करने वाले एक गिरोह का भांडाफोड़ किया है. इस गिरोह का पर्दाफाश केंद्रीय जीएसटी के दक्षिणी दिल्ली आयुक्तालय की टैक्स चोरी रोधी इकाई ने किया है. (Photo: File)
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे एक स्थानीय अदालत ने 10 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. आरोपी ने विभिन्न व्यक्तियों के पहचानपत्रों का अनाधिकार इस्तेमाल कर कई कंपनियां बनाई थी. (Photo: File)
मंत्रालय ने कहा कि अभी तक इस मामले में संलिप्त 120 से अधिक निकायों का पता चला है, जिन्होंने 1,600 करोड़ रुपये के फर्जी रसीदों के जरिये 241 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की. (Photo: File)
बयान में कहा गया कि जांच में एक संगठित गिरोह का पता चला है, जो जाली कंपनियां बनाकर, फर्जी रसीद जारी कर और फर्जी ई-वे बिल के जरिये कर क्रेडिट की सुविधा का दुरुपयोग करता था. जांचकर्ताओं के एक दल ने कई हफ्ते की मेहनत के बाद देशभर में कंपनियों के जाल का पता किया और उनके काम करने के तरीके का पर्दाफाश किया.
आयकर विभाग को जीएसटी से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी ताकि जीएसटी के तहत कम कारोबार या गलत तरीके से जीएसटी रिफंड दिखाकर व्यक्तिगत आय को छुपाने और टैक्स चोरी करने वालों की पहचान की जा सके.
इससे पहले इसी महीने उत्तराखंड में टैक्स चोरी का बड़ा मामला सामने आया था. जीएसटी देहरादून की 55 टीमों ने 70 व्यापारिक स्थलों पर छापा मारकर करीब 8000 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का खुलासा किया था. इस घोटाले को पकड़ने के लिए केंद्र और राज्य की संयुक्त जीएसटी टीम ने 2 महीने तक अभियान चलाया था.