इस कांग्रेसी CM के फरमान से खुश हुए गडकरी, कहा- अभिनंदन करता हूं...यही रंग देश के लिए जरूरी!

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदेश दिया था कि सूबे के सभी सरकारी भवनों की रंगाई में गोबर से बने पेंट का इस्तेमाल होना चाहिए. जिसकी तारीफ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कर रहे हैं. दोनों के बीच ये बातचीत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Twitter पर हुई.

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नितिन गडकरी और सीएम भूपेश बघेल नितिन गडकरी और सीएम भूपेश बघेल

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST

छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने यहां सभी सरकारी भवनों की रंगाई में गोबर से बने पेंट का इस्तेमाल अनिवार्य करने का आदेश दिया है. जिसकी तारीफ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) कर रहे हैं. दोनों के बीच ये बातचीत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Twitter पर हुई.

दरअसल दो दिन पहले ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने आदेश दिया था कि सूबे के सभी सरकारी भवनों की रंगाई में गोबर से बने पेंट का इस्तेमाल होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो एक्शन लिया जाएगा, जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही भी की जाएगी. क्योंकि इस संदर्भ में पहले ही सरकार आदेश जारी कर चुकी है.

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भूपेश बघेल की तारीफ 
भूपेश बघेल से इस फैसले की तारीफ करते हुए नितिन गडकरी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'छत्तीसगढ़ के सरकारी विभागीय निर्माणों में गोबर से बने प्राकृतिक पेंट के इस्तेमाल का आग्रह करते हुए अधिकारियों को निर्देश देने के लिए मैं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी का अभिनंदन करता हूं. उनका यह निर्णय सराहनीय और स्वागत योग्य है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में MSME मंत्री रहते हुए हमने इसकी शुरुआत की थी. प्राकृतिक पेंट का उपयोग न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा बल्कि किसानों को रोजगार का नया अवसर भी प्रदान करेगा. जिससे देश के किसानों को लाभ होगा.

 

नितिन गडकरी के ट्वीट पर भूपेश बघेल ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने लिखा, सादर धन्यवाद! आदरणीय नितिन गडकरी जी. छत्तीसगढ़ की सरकार के इस कर्मयोग को एक "कर्मयोगी' ही समझ सकता है. सिर्फ बातों से नहीं, नेक इरादों से देश और प्रदेश दूसरों के लिए प्रेरणा बनते हैं. गोधन और श्रम का सम्मान गांधी का रास्ता है. हम उसी पर आगे बढ़ रहे हैं.

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बता दें, तत्कालीन केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने गोबर से पेंट बनाने की योजना की घोषणा 17 दिसंबर 2020 को की थी. खादी और ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने मार्च 2020 में इसकी अवधारणा रखी थी. बाद में जयपुर के कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट ने इसे विकसित किया. 2021 में इस श्रेणी का पहला पेंट लॉन्च हुआ. 

केमिकल युक्त पेंट से ये बहुत सस्ता

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के सहयोग से छत्तीसगढ़ में कई जगहों पर गोबर पेंट का निर्माण हो रहा है. अधिकारियों के मुताबिक केमिकल युक्त पेंट की कीमत 350 रुपये प्रति लीटर से शुरू होती है. गोबर वाला पेंट 150 रुपये से शुरू है. वैदिक पेंट में मुख्य अवयव गोबर होने की वजह से यह आम पेंट के मुकाबले काफी सस्ता है. इससे रंग-रोगन कराने पर ग्राहकों की जेब कम ढीली होगी.

वहीं यह देश के किसानों की आय बढ़ाने वाला होगा. इससे गोबर की खपत बढ़ेगी, जो किसानों की आय बढ़ाने में काम आएगी. आम पेंट में सीसा (लेड), पारा (मरकरी), कैडमियम, क्रोमियम जैसी हानिकारक भारी धातुएं होती हैं. खादी के ‘प्राकृतिक पेंट’ में ऐसी कोई धातु नहीं है.  यह पेंट एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल है साथ ही घर के दीवारों को गर्मी में गर्म होने से भी बचाता है. 

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