ट्रंप के 'टैरिफ बम' के बीच मजबूत हुए भारत-चीन के रिश्ते! इतना बढ़ गया एक्सपोर्ट

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने का सीधा असर भारत-चीन व्यापार पर दिखा है. पेट्रोलियम, मसाले और ऑर्गेनिक केमिकल्स जैसे क्षेत्रों में तेज वृद्धि दर्ज हुई है, यह बढ़त दो साल की लगातार गिरावट के बाद आई है.

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भारत का चीन को निर्यात इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 18 प्रतिशत बढ़ गया है (Photo: Pexels) भारत का चीन को निर्यात इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 18 प्रतिशत बढ़ गया है (Photo: Pexels)

शुभम सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 9:45 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है. इसका असर ये हुआ कि भारत का चीन को निर्यात वित्त वर्ष 2025-2026 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 18 प्रतिशत बढ़कर 4.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. लगातार 2 साल की गिरावट के बाद ये बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 

चीन के साथ ये नया व्यापारिक रुझान ऐसे समय आया है, जब डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीद जारी रखने पर भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है. नई टैरिफ व्यवस्था 27 अगस्त से लागू होगी.

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इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत से चीन को पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात लगभग दोगुना होकर 45.2 करोड़ डॉलर से बढ़कर 86.5 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है.अन्य प्रमुख वस्तुओं में मसालों का निर्यात 33 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि ऑर्गेनिक केमिकल्स 26 प्रतिशत उछलकर 14.7 करोड़ डॉलर और मरीन प्रॉडक्ट्स का निर्यात 5 प्रतिशत बढ़ गया है.

इस व्यापारिक उछाल के साथ-साथ कूटनीतिक संपर्क भी तेज हुए हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के निमंत्रण पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 18 और 19 अगस्त को भारत का आधिकारिक दौरा किया. स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव्स डायलॉग के दौरान दोनों नेताओं ने सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने और भारत-चीन संबंधों के समग्र विकास की आवश्यकता पर जोर दिया.

बैठक में आर्थिक और जन-केंद्रित कदमों पर सहमति बनी. इनमें लिपुलेख, शिपकी ला और नाथु ला दर्रों से सीमा व्यापार फिर से शुरू करना, सीधी उड़ान सेवाएं बहाल करना, व्यवसाय और पर्यटन वीजा आसान बनाना, तीर्थयात्रा प्रवाह बढ़ाना और द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश को सुगम बनाना शामिल है.

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20 अगस्त को भारत में चीन के राजदूत फेइहोंग ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन 2025 में भाषण देते हुए कहा कि चीन भारत के साथ खड़ा रहेगा, ताकि व्यापारिक दबंगों का सामना किया जा सके. उन्होंने कहा कि इतने बड़े दो पड़ोसी देशों के लिए एकजुटता और सहयोग ही साझा विकास का एकमात्र रास्ता है.

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