एयर इंडिया की नीलामी प्रक्रिया में बदलाव, बोली लगाने की तारीख भी 14 दिसंबर तक बढ़ी

केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि एयर इंडिया के लिए बोली लगाने से जुड़ी शर्तों में भी बदलाव करने का फैसला किया गया है.

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एयर इंडिया की नीलामी प्रक्रिया हुई आसान एयर इंडिया की नीलामी प्रक्रिया हुई आसान

पॉलोमी साहा

  • नई दिल्ली,
  • 29 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 11:19 PM IST
  • 14 दिसंबर तक बोलियां आमंत्रित करने की समय सीमा
  • पुरी ने कहा कि अब एंटरप्राइज रेट पर बोली आमंत्रित 
  • कोरोना संकट की वजह से नीलामी प्रक्रिया में बदलाव का फैसला

केंद्र सरकार ने एयर इंडिया की बोली लगाने के लिए तारीख को एक बार फिर बढ़ा दिया है. केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि एयर इंडिया के लिए बोली लगाने से जुड़ी शर्तों में भी बदलाव करने का फैसला किया गया है. पुरी ने कहा कि अब एंटरप्राइज रेट पर बोली आमंत्रित किया गया है. 

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दरअसल, हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि अब एयर इंडिया के निविदाएं आमंत्रित करने के नियमों में फेरबदल किया गया है. साथ ही 14 दिसंबर तक बोलियां आमंत्रित करने की समय सीमा भी बढ़ा दी गई है. उन्होंने बताया कि 28 दिसंबर को बोलियां खोली जाएंगी. इसके पहले बोली लगाने की अंतिम तारीख 30 अक्टूबर थी. एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की समय सीमा पांचवीं बार बढ़ाई गई है. 

एयर इंडिया को बेचने के लिए नियमों में बदलाव 

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अब बोलियों को उद्यम मूल्य पर आमंत्रित किया जाएगा, जहां इक्विटी और डेट दोनों पर बोलियां आमंत्रित की जाएंगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए विमानन मंत्रालय के सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने बताया कि कोरोना संकट की वजह से परिस्थितियों में काफी बदलाव आए हैं. जिसको देखते हुए शर्तों में बदलाव करने का फैसला लिया गया है.

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नई शर्तों के अनुसार अब बोली दाताओं को इस बात की जानकारी देनी होगी कि वो एयर इंडिया के कितने कर्ज की जिम्मेदारी उठा पाएंगे. खबरों के मुताबिक बोली के लिए तारीख बढ़ाने के साथ ही सरकार संभावित निवेशकों को एयर इंडिया पर 60,074 करोड़ रुपये के कर्ज के मामले में अधिक लचीला रुख अपना सकती है. विमानन कंपनी के खरीदार को इसमें से 23,286.5 करोड़ रुपये का कर्ज अपने ऊपर लेने की शर्त है. शेष कर्ज एयर इंडिया एसेट हाल्डिंग्स लिमिटेड (एआईएएचएल) के हवाले कर दिया जाएगा.

सरकार इस राष्ट्रीय विमानन कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचना चाहती है. इसमें एयर इंडिया की उसकी अनुषंगी एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सविर्सिज प्रा. लि. में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी भी शामिल है.

 

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