अपने ही प्रवक्ता के खिलाफ थाने पहुंचे तेज प्रताप, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी से कर दी बड़ी डिमांड

तेज प्रताप यादव ने बिहार के गृह मंत्री सम्राट चौधरी को पत्र लिखकर अपनी जान को खतरा बताया है. उन्होंने अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संतोष रेनू यादव पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. तेज प्रताप ने आरोपी नेता को पार्टी से निष्कासित कर दिया है और पटना के सचिवालय थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है.

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तेज प्रताप ने मांगी सुरक्षा (Photo: ITG) तेज प्रताप ने मांगी सुरक्षा (Photo: ITG)

शशि भूषण कुमार

  • पटना,
  • 25 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:33 PM IST

बिहार की राजनीति में एक नया विवाद सामने आया है. लालू यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने राज्य के गृह मंत्री सम्राट चौधरी को पत्र लिखकर अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की है. तेज प्रताप यादव ने आरोप लगाया है कि उनकी ही पार्टी जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता संतोष रेनू यादव ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है.

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गृह मंत्री को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग

तेज प्रताप यादव ने गृह मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि संतोष रेनू यादव की ओर से लगातार धमकियां मिल रही हैं, जिससे उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है. उन्होंने इस पूरे मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए राज्य सरकार से सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया है.

संतोष रेनू यादव पार्टी से निष्कासित

पत्र में तेज प्रताप यादव ने यह भी उल्लेख किया है कि संतोष रेनू यादव न केवल उन्हें धमका रहे थे, बल्कि पार्टी और उनकी व्यक्तिगत छवि को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे. इसी कारण तेज प्रताप यादव ने संतोष रेनू यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. 

तेज प्रताप का कहना है कि पार्टी अनुशासन और सार्वजनिक छवि को धूमिल करने की गतिविधियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. मामले को गंभीरता से लेते हुए तेज प्रताप यादव ने संतोष रेनू यादव के खिलाफ पटना के सचिवालय थाने में भी लिखित शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में उन्होंने धमकी देने और सुरक्षा को खतरे से जुड़े आरोप लगाए हैं.

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सचिवालय थाने में दर्ज कराई शिकायत

तेज प्रताप यादव ने अपने पत्र में गृह मंत्री से यह भी आग्रह किया है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.
 

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