'तेजस्वी की कुर्सी हथियाना चाहते हैं', संजय के खिलाफ बहन रोहिणी के सपोर्ट में उतरे RJD से निकाले गए तेज प्रताप

बिहार की सियासत में लालू यादव परिवार की आंतरिक लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है. पार्टी से निकाले जा चुके तेज प्रताप यादव ने बहन रोहिणी आचार्य के समर्थन में उतरते हुए बिना नाम लिए तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने उन्हें 'जयचंद' करार देते हुए दावा किया कि वो तेजस्वी की कुर्सी हथियाने की साजिश कर रहे हैं.

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बहन के समर्थन में उतरे तेज प्रताप यादव (Photo: ITG) बहन के समर्थन में उतरे तेज प्रताप यादव (Photo: ITG)

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 20 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:38 AM IST

बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लालू परिवार में घमासान मचा हुआ है. हाल ही में लालू यादव की बेटी और तेजस्वी यादव की बहन रोहिणी आचार्य के ‘स्वाभिमान’ वाले ट्वीट के बाद सियासी माहौल गर्मा गया है. अब तेज प्रताप यादव ने भी खुलकर रोहिणी के पक्ष में आते हुए तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव पर निशाना साधा है.

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कुर्सी हथियाने की फिराक में संजय: तेज प्रताप यादव

तेज प्रताप ने बिना नाम लिए कहा कि कुछ लोग तेजस्वी की कुर्सी हथियाने की फिराक में हैं. उन्होंने संजय यादव को 'जयचंद' करार देते हुए कहा कि परिवार में जो भी मतभेद हैं, उनका फायदा उठाकर बाहरी लोग सत्ता हासिल करना चाहते हैं. तेज प्रताप ने अपने बयान में यह भी जोड़ा कि रोहिणी आचार्य ने जो आवाज उठाई है, वह आत्मसम्मान की लड़ाई है, जिसे हर किसी को समझना होगा.

रोहिणी आचार्य ने पहले ही संकेत दिया था कि पार्टी के भीतर कुछ लोग संगठन को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उनका ट्वीट सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई थी. अब तेज प्रताप के बयान ने उस विवाद को और गहरा कर दिया है.

इस विवाद का असर बिहार की राजनीति और आरजेडी की एकजुटता पर भी पड़ सकता है. तेज प्रताप और रोहिणी की सार्वजनिक नाराजगी से पार्टी के भीतर गुटबाजी की आशंका बढ़ गई है. 

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लालू परिवार की आतंरिक लड़ाई

वहीं तेजस्वी यादव की ओर से इस विवाद पर अब तक कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं आई है.  तेज प्रताप के आरोपों से साफ है कि लालू परिवार का आंतरिक मतभेद अब सियासी रंग लेने लगा है. यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ था जब संजय यादव की उस बस में आगे की सीट पर बैठे होने की तस्वीर सामने आई जिससे तेजस्वी यादव इन दिनों बिहार अधिकार यात्रा कर रहे हैं.

इस तस्वीर को रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर शेयर किया और लिखा कि यह सीट पार्टी के सर्वोच्च नेता की होती है.अगर कोई अपने आप को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है तो अलग बात है.  इसके बाद पार्टी में संजय विरोधी गुट के नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया जिससे बवाल बढ़ गया.

हालांकि इसके बाद डैमेज कंट्रोल करने के लिए रोहिणी आचार्य ने कुछ और तस्वीरें शेयर की जिसमें तेजस्वी की उस बस की पहली सीट पर पार्टी के कुछ अन्य पिछड़े नेता भी बैठे नजर आए. उन्होंने लिखा-वंचितों और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े लोगों को आगे लाना ही लालू प्रसाद के सामाजिक और आर्थिक न्याय के अभियान का मकसद रहा है. इन तस्वीरों में समाज के इन्हीं तबके से आने वालों को आगे बैठे देखना सुखद अनुभूति है.

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मुझे किसी पद की लालसा नही: रोहिणी

शुक्रवार को रोहिणी ने एक के बाद एक सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें और वीडियो शेयर किए, जिसमें अपने पिता लालू प्रसाद के साथ दिख रही हैं. इसमें उस वक्त की भी तस्वीर है जब  लालू सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट कराने के लिए गए थे और रोहिणी ने अपने पिता लालू को किडनी डोनेट की थी.

इन तस्वीरों को लेकर रोहिणी ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'जो जान हथेली पर रखते हुए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने का जज्बा रखते हैं, बेखौफी, बेबाकी, खुद्दारी तो उनके लहू में बहती है.' उन्होंने फिर एक और पोस्ट किया जिसमें लिखा, मैंने एक बेटी और बहन के तौर पर अपना कर्तव्य और धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी. मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है, मेरे लिए मेरा आत्मसम्मान सर्वोपरि है.
 

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