मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक महिला चिकित्सक का हिजाब उठाने का प्रकरण विवाद की शक्ल लेता जा रहा है. हिजाब विवाद पर नीतीश कुमार की अगुवाई वाला जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) बचाव के मोड में है. वहीं, विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ ही अन्य विरोधी दलों ने मोर्चा खोल दिया है.
जेडीयू प्रवक्ता अंजुम आरा ने सीएम का बचाव करते हुए कहा है कि नीतीश कुमार को किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. अंजुम आरा ने कहा है कि सीएम नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक समाज की बेटियों के लिए जो काम किए हैं, वह किसी से छिपे नहीं हैं. उन्होंने कहा है कि सीएम नीतीश कुमार ने मुस्लिम महिलाओं के सपनों को पूरा किया है.
उन्होंने विरोधी दलों और नेताओं को आड़ेहाथों लेते हुए कहा कि आज सवाल कौन लोग कर रहे हैं? आरजेडी वाले, जिन्होंने पूरे बिहार में बेटियों का अपमान किया है. आरजेडी ने सीएम के हिजाब हटाने का वीडियो अपने सोशल मीडिया पेज पर शेयर करते हुए नीतीश कुमार के व्यवहार पर सवाल उठाए हैं.
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आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा है कि सीएम लगातार महिलाओं का अपमान कर रहे हैं और अब वह बिहार संभालने की स्थिति में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा व्यवहार संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देता. आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने भी हिजाब प्रकरण को गंभीर बताते हुए इसे महिलाओं के सम्मान के खिलाफ बताया.
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महबूबा मुफ्ती ने जताई हैरानी
हिजाब प्रकरण को लेकर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की भी प्रतिक्रिया आई है. महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि व्यक्तिगत रूप से नीतीश कुमार को जानती हूं, उनका सम्मान करती रही हूं. उन्हें एक युवा मुस्लिम महिला का नकाब उतारते देख स्तब्ध रह गई. उन्होंने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में आगे लिखा कि इसे उम्र का असर कहा जाए या फिर मुस्लिमों को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के जनरलाइजेशन का नतीजा? महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि नीतीश साहब, अब शायद आपके लिए पद से हटने का समय आ गया है.
शशि भूषण कुमार