यूपी के बाराबंकी में आई यकुति-हुस्नआरा जैसे रंग-बिरंगे आम की बहार, किसानों को हो रहा लाखों का मुनाफा

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में इन दिनों यकुति और हुस्नआरा जैसे कई वैरायटी के आम मिल रहे हैं. रंग-बिरंगे आम यकुति की मार्केट में खूब डिमांड है, जिससे बागबानी करने वाले किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है.

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सैयद रेहान मुस्तफ़ा

  • बाराबंकी,
  • 10 जून 2024,
  • अपडेटेड 5:46 PM IST

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के बाजारों में आजकल यकुति आम खूब बिक रहा है. इस रंग-बिरंगे आम की भारतीय बाजारों में काफी डिमांड है. यह आम मार्केट में 200 से 300 रुपये में बिक रहा है, जिससे बागबानी करने वाले किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है. यकुती आम के साथ गुलाब खास और हुस्नआरा आम की प्रजाति भी अपना जलवा बाजारों में बिखेर रही है. बाराबंकी में सड़को के किनारे लगी आम की दुकानों में भारी भीड़ उमड़ रही है. 

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कैसा होता यकुति आम

बाराबंकी के बड़े गांव में लगभग दो हजार बीघा जमीन पर आम के बागान हैं. यहां हर वैरायटी के आम पैदा होते हैं, लेकिन सबसे खास किस्म का आम यकुती है, जो रंग बिरंगा व स्वाद में काफी मीठा होता है और इसका रस बाजार में मिलने वाले फ्रूटी जूस से भी ज्यादा पतला होता है. यकुती आम की मार्केट में खूब डिमांड है और किसानों को भी इसे बेचने पर अच्छा मुनाफा मिल रहा है. 



बाराबंकी के किसान महमूद किदवाई ने बताया कि यकुती आम उनके इलाके की पहचान है. वैसे तो बाराबंकी में आम की कई वैरायटी उपलब्ध हैं, लेकिन इन दिनों यकुती, हुस्नआरा, सुरखा, बंबई और गुलाब खास आम बाजारों में छाए हुए हैं. 

बागबानी करने वाले किसानों को हो रहा लाखों का मुनाफा

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आम की अच्छी फसल से बागवानी करने वाले किसान एक सीजन में 15 से 20 लाख रुपये तक आसानी से कमा लेते हैं. यकुति आम का पेड़ भी पांच साल बाद फल देने लगता है और कई सालों तक लगातार अच्छे फल देता है. एक पेड़ को लगाने की लागत लगभग 10 हजार के आसपास आती है और फिर सालों-साल लाखों का लाभ आसानी से बागवानों को नकद फसल के रूप में मिल जाता है, जिससे अच्छा मुनाफा होता है. बाराबंकी जिले में 12.5 हजार हेक्टेयर जमीन में आम के बाग लगे हैं और इस काम में लगभग 2 हजार बागवान किसान लगे हुए हैं.

जिला उद्यान अधिकारी ने दी जानकारी

बाराबंकी के जिला उद्यान अधिकारी महेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में लगभग 12.5 हजार हेक्टेयर जमीन में आम के बाग लगे हैं, जिसमें बड़े काश्तकारों में किदवाई परिवार, सैदनपुर में बेगम हबीबुल्लाह की बाग, मिश्रा जी की देवा– बंकी में बड़ी बाग, रामनगर में राजा साहब की बड़ी बाग है. इनका जिले में आम के बागात लगाने में बहुत योगदान है. किसान आम के बाग में 5 साल की मेहनत में 50 साल तक लाभ कमाते हैं.



यकुति आम की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है. इस बार आम की फसल थोड़ी कम हुई है, लेकिन मुनाफा ज्यादा होने की उम्मीद है. यहां यकुति के अलावा दशहरी, लंगड़ा, चौसा, आम्रपाली सफेदा की अच्छी पैदावार होती है. इसके अलावा यहां का आम्रपाली आम जुलाई और अगस्त तक मार्केट में मिलता है. 

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