अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने विदेशी छात्रों और पेशेवरों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. बुधवार को व्हाइट हाउस में आयोजित एक राउंडटेबल कार्यक्रम में ट्रम्प ने मिलियन डॉलर वाला ट्रम्प गोल्ड कार्ड लॉन्च किया. यह एक नया वीजा कार्यक्रम है, जिसके तहत विदेशी नागरिक एक निश्चित राशि देकर अमेरिका में रहने, काम करने और आगे चलकर नागरिकता पाने की दिशा में कदम बढ़ा सकेंगे. ट्रम्प ने इसे अमेरिकी कंपनियों और विदेशी प्रतिभाओं दोनों के लिए एक बड़ा अवसर बताया.
ट्रम्प ने कहा कि यह अफसोस की बात है कि भारत, चीन और अन्य देशों के प्रतिभाशाली छात्र अमेरिका की शीर्ष यूनिवर्सिटियों से पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने-अपने देशों में वापस लौटने पर मजबूर होते हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी जो उन्हें अमेरिका में रोक सके. लेकिन गोल्ड कार्ड लॉन्च होने के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी.
मिलियन डॉलर वाला ट्रम्प गोल्ड कार्ड लॉन्च
राष्ट्रपति ट्रम्प ने बताया कि यह कार्ड उन व्यक्तियों को दिया जाएगा जो अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण लाभ प्रदान कर सकते हैं. इसका लक्ष्य ऐसे लोगों को रोकना है, जो दुनिया की बेहतरीन यूनिवर्सिटियों से पढ़े हैं और जिन्हें अमेरिकी कंपनियां रखना चाहती हैं, लेकिन मौजूदा वीजा व्यवस्था उन्हें अनुमति नहीं देती. ट्रम्प के अनुसार, अब कंपनियां गोल्ड कार्ड खरीदकर अपने चुने हुए कर्मचारियों को अमेरिका में रख सकेंगी.
इस घोषणा के दौरान ट्रम्प के साथ आईबीएम के भारतीय-अमेरिकी सीईओ अरविंद कृष्णा और डेल टेक्नोलॉजीज के सीईओ माइकल डेल भी मौजूद थे. दोनों ने इस पहल को अमेरिकी उद्योगों के लिए उपयोगी बताया.
गोल्ड कार्ड अमेरिका के लिए अरबों डॉलर लाएगा
ट्रम्प ने कहा कि एप्पल के सीईओ टिम कुक कई बार उनसे मिलने आए और उन्होंने बताया कि वे अमेरिका की बेहतरीन यूनिवर्सिटियों से छात्रों को भर्ती तो कर लेते हैं, लेकिन उनके यहां रहने की गारंटी नहीं होती. ट्रम्प ने कहा कि कंपनियों की यह चिंता अब दूर हो जाएगी.
उनके अनुसार, अभी की व्यवस्था में छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद देश से निकाल दिए जाते हैं, और कंपनियां मजबूर होकर उन्हें कनाडा जैसे देशों में भेजती हैं. उन्होंने कहा कि गोल्ड कार्ड आने के बाद न तो कंपनियों को छात्रों के भविष्य की चिंता रहेगी और न ही छात्रों को अपने करियर को लेकर दुविधा होगी.
कंपनियां एक कार्ड पर एक ही व्यक्ति को रख सकेंगी
ट्रम्प ने दावा किया कि गोल्ड कार्ड अमेरिका के लिए अरबों डॉलर लाएगा, जिन्हें देश के विकास पर खर्च किया जाएगा. उन्होंने इसे ग्रीन कार्ड से काफी बेहतर बताया. उनके अनुसार, ग्रीन कार्ड पाना बेहद मुश्किल है, जबकि गोल्ड कार्ड अधिक मजबूत और बेहतर रास्ता देगा.
कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक ने गोल्ड कार्ड की कीमत और प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन किया. उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति के लिए गोल्ड कार्ड की कीमत एक मिलियन डॉलर होगी, जबकि किसी कंपनी को किसी कर्मचारी के लिए दो मिलियन डॉलर का भुगतान करना होगा. इसके अलावा 15,000 डॉलर का DHS प्रोसेसिंग शुल्क अलग से देना होगा.
गोल्ड कार्ड वीजा व्यवस्था का हिस्सा
उन्होंने कहा कि गोल्ड कार्ड के लिए बेहद सख्त जांच प्रक्रिया लागू की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि केवल योग्य और बेहतरीन लोग ही अमेरिका में प्रवेश कर सकें. जांच के बाद व्यक्ति अमेरिका में रह सकेगा, काम कर सकेगा और पांच साल बाद नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेगा.
लुटनिक के अनुसार, कंपनियां एक कार्ड पर एक ही व्यक्ति को रख सकेंगी, और अगर कर्मचारी को बाद में नागरिकता मिल जाती है या वह कंपनी छोड़ देता है, तो कंपनी उसी कार्ड पर किसी नए कर्मचारी को जोड़ सकती है.
गोल्ड कार्ड को मौजूदा वीजा व्यवस्था का हिस्सा बताया गया है, लेकिन इसका उद्देश्य सबसे बेहतरीन लोगों को लाना है. लुटनिक ने कहा कि आगे से अमेरिका में आने वाले लोगों की गुणवत्ता पहले से कहीं अधिक होगी.
गोल्ड कार्ड से उच्च प्रतिभा वाले लोग ही प्रवेश कर करेंगे
साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि अब तक मिलने वाले ग्रीन कार्ड वाले लोग औसत अमेरिकी नागरिक से कम कमाते थे और सरकारी सहायता कार्यक्रमों पर निर्भर रहते थे. उन्होंने कहा कि गोल्ड कार्ड इसे बदल देगा और अमेरिका में उच्च प्रतिभा वाले लोग ही प्रवेश करेंगे.
राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि गोल्ड कार्ड उन कंपनियों के लिए वरदान साबित होगा, जो वीजा की अनिश्चितता के कारण विदेशी प्रतिभाओं को नियुक्त करने से कतराती थीं. अब वे तय रकम देकर सुनिश्चित कर सकेंगी कि उनका चुना हुआ कर्मचारी अमेरिका में रह सकेगा.
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि आईबीएम को व्हार्टन स्कूल से किसी टॉपर को भर्ती करना है, तो अब कंपनी गोल्ड कार्ड खरीदकर उसे लंबे समय तक अमेरिका में रख सकती है.
अमेरिका को महान बनाने की दिशा में नया कदम
ट्रम्प ने इसे अमेरिका को महान बनाने की दिशा में एक और कदम बताया. उनकी नजर में यह कार्ड देश में उच्च कमाई, नई प्रतिभाओं और नए अवसरों को आकर्षित करेगा.
इस बीच यह फैसला ऐसे समय आया है जब भारत में हजारों एच-1बी वीजा आवेदकों के लिए तय इंटरव्यू अचानक आगे बढ़ा दिए गए हैं. रिपोर्टों के मुताबिक, इन इंटरव्यू में अब सोशल मीडिया प्रोफाइल और ऑनलाइन गतिविधियों की गहराई से जांच की जा रही है.
ट्रम्प प्रशासन पिछले कुछ समय से एच-1बी कार्यक्रम को सख्त कर रहा है, और गोल्ड कार्ड को इसी नीति का एक नया आयाम माना जा रहा है. ट्रम्प के अनुसार, एच-1बी की सीमाओं और कठिनाइयों को गोल्ड कार्ड काफी हद तक हल करेगा.
कार्ड धारक को रिकॉर्ड समय में अमेरिकी रेजिडेंसी मिलेगी
ट्रम्प गोल्ड कार्ड की वेबसाइट trumpcard.gov भी लाइव हो चुकी है. वेबसाइट पर आवेदन लिंक मौजूद है और इसमें दावा किया गया है कि कार्ड धारक को रिकॉर्ड समय में अमेरिकी रेजिडेंसी मिलेगी.
वेबसाइट के अनुसार, 15 हजार डॉलर प्रोसेसिंग शुल्क और एक मिलियन डॉलर के योगदान के बाद व्यक्ति को अमेरिका में जल्दी रेजिडेंसी मिल जाएगी. ट्रम्प ने अंत में कहा कि यह योजना कंपनियों और छात्रों दोनों के लिए स्थिरता लाएगी, और अमेरिका को दुनिया की सर्वोत्तम प्रतिभाओं का केंद्र बनाए रखेगी.