ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी के बोंडी बीच पर हुए भीषण गोलीकांड के बाद गन कानूनों को और सख्त करने के संकेत दिए हैं. यह हमला लगभग 30 साल में देश का सबसे घातक सामूहिक गोलीकांड माना जा रहा है. यह घटना उस वक्त हुई, जब बोंडी बीच पर यहूदी समुदाय का धार्मिक उत्सव हनुक्का मनाया जा रहा था. इस हमले में 15 लोगों की जान चली गई.
इस गोलीबारी की घटना के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि दुनिया के सबसे सख्त माने जाने वाले ऑस्ट्रेलिया के गन कानून क्या अब भी प्रभावी हैं या नहीं. प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा कि वह कैबिनेट से चर्चा करेंगे कि एक लाइसेंस पर हथियारों की संख्या कितनी होनी चाहिए और लाइसेंस की वैधता अवधि क्या हो.
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ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने मीडिया से कहा, "लोगों की परिस्थितियां समय के साथ बदल सकती हैं. लोग धीरे-धीरे कट्टरपंथी बन सकते हैं. गन लाइसेंस हमेशा के लिए नहीं होना चाहिए."
24 वर्षीय एक हमलावर अस्पताल भर्ती
पुलिस के अनुसार, हमलावर 50 वर्षीय पिता और उसका 24 वर्षीय बेटा थे. बेटा गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है. हमले में 40 लोगों को अस्पताल ले जाया गया, जिनमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. दोनों की हालत गंभीर लेकिन स्थिर बताई गई है. पीड़ितों की उम्र 10 से 87 साल के बीच थी.
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पुलिस ने आधिकारिक तौर पर हमलावरों के नाम जारी नहीं किए लेकिन उनकी पहचान साजिद अकरम और उसके बेटे नावीद अकरम के रूप में हुई है. अधिकारियों के मुताबिक, पिता के पास 2015 से फायरआर्म्स लाइसेंस था और उसके नाम छह रजिस्टर्ड हथियार थे. सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि हमलावरों में से एक शख्स पहले से अधिकारियों के संज्ञान में था, लेकिन उसे तत्काल खतरा नहीं माना गया था.
बोल्ट-एक्शन राइफल और शॉटगन से फायरिंग
घटनास्थल से मिले वीडियो में हमलावरों को बोल्ट-एक्शन राइफल और शॉटगन से फायरिंग करते देखा गया. इनके अलावा, पुलिस को हमलावरों की कार से इस्लामिक स्टेट (ISIS) के दो झंडे भी मिले हैं, हालांकि इस एंगल की आधिकारिक पुष्टि अभी जांच के बाद ही की जाएगी.
न्यू साउथ वेल्स के पुलिस कमिश्नर मल लैन्यन ने कहा कि दोनों हमलावरों की पृष्ठभूमि की गहन जांच की जा रही है. वहीं गृह मंत्री टोनी बर्क ने बताया कि पिता 1998 में छात्र वीजा पर ऑस्ट्रेलिया आया था, जबकि बेटा ऑस्ट्रेलिया में जन्मा नागरिक है.