ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर के बॉन्डी बीच पर सब कुछ सामान्य था. यहूदी समुदाय के लोग हनुक्का त्योहार मना रहे थे. बॉन्डी बीच पर म्यूजिक, डांस और मस्ती का माहौल था. तभी यहां घूमते-फिरते दो लोग पहुंचे. नाम था अहमद अल अहमद और उनके कजिन जॉजे अल्कांज (Jozay Alkanj). अहमद अल अहमद वो शख्स हैं जिन्होंने सीरिया का सिविल वार अपने आंखों से देखा था. वे 10 साल पहले सीरिया छोड़कर नई जिंदगी जीने ऑस्ट्रेलिया आए थे.
अहमद अल अहमद सिडनी में फलों की दुकान चलाते हैं. रविवार को अहमद की दुकान बंद थी. वे अपने कजिन जॉजे अल्कांज के साथ घूमने के लिए बॉन्डी बीच की तरफ निकल पड़े. यहां पर उन्हें भोजन ऑफर किया गया. लेकिन इन दोनों ने इनकार कर दिया.
ऑस्ट्रेलिया के अखबार सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने लिखा है कि जब बॉन्डी बीच पर इन्हें खाना दिया गया तो इन्होंने लेने से इनकार कर दिया, क्योंकि इन्हें कॉफी की तलब थी.
सीरिया से आया ये मुस्लिम हीरो बन गया
सोमवार सुबह सिडनी के दक्षिण में सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल के बाहर अल्कांज ने उस घटना को याद किया जिसमें उसके कजिन को बाएं कंधे के ऊपरी हिस्से में दो गोलियां लगी थीं.
10 साल से पहले सीरिया से ऑस्ट्रेलिया आया अहमद अल अहमद वही व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने जान की परवाह न करते हुए एक आतंकी को चैलेंज किया और उस पर कूद पड़े और उसकी गन छीन ली.
अल्कांज ने कहा कि हम घूमते हुए कारों के पीछे चले गए. तभी गोलियों की आवाज सुनाई दी. हम देख रहे थे कि दो लोग हमारे बहुत पास गोली चला रहे थे.
कॉफी पी रहे थे तभी गोलीबारी हो गई
बॉन्डी बीच पर घटनास्थल की तस्वीरें अविश्वसनीय है.यहां एक बंदूकधारी जिसने काली शर्ट और सफेद पैंट हुआ है. वह एक काला बैग पकड़ा है और कैंपबेल परेड कार पार्क के पास दो कूड़ेदानों के बगल में खड़ा है और पास के लॉन में जमा भीड़ पर गोलियां चला रहा है.
जोसे अल्कांज अपने चचेरे भाई अहमद अल अहमद के साथ कॉफ़ी पी रहे थे, तभी गोलीबारी शुरू हो गई.
🙏🏼 for the Muslim hero that disarmed one of the terrorists in Australia his name is Ahmed Al Ahmed.
— Love Majewski✝️🇺🇸 (@lovemajewski1) December 14, 2025
He is 43 years old, a fruit shop owner and a father of two.
Ahmad himself was shot twice during the attack, but he is in a stable condition, he is expected to undergo surgery.… pic.twitter.com/qGsaSrCZGC
इसके बाद की पूरी घटना को बताते हुए अल्कांज कहते हैं, "वो अचानक हुई गोलीबारी से बहुत डर गए थे, उन्होंने कहा- मैं अब मरने जा रहा हूं.
इसके बाद अहमद अल अहमद ने कहा, "मैं मरने जा रहा हूं, प्लीज मेरी फैमिली को देखना और उन्हें बताना कि मैं लोगों की जान बचाने के लिए आगे गया."
अहमद कार पार्क से होते हुए बंदूकधारी की तरफ़ बढ़ा, एक खड़ी कार के पीछे छिपकर वह शूटर के जितना हो सके उतना करीब गया. जैसे ही वह काफ़ी करीब पहुंचा, अहमद आतंकी पर टूट पड़ा. उसने बंदूकधारी को जकड़ लिया और उसे तबतक पटके रहा जब तक कि वह उसके हाथों से राइफ़ल छीन नहीं नहीं लिया. फिर बंदूकधारी पीछे की ओर ज़मीन पर गिर गया, इस बीच अहमद ने राइफल उठाकर उस पर निशाना साध दिया.
अहमद ने राइफ़ल को एक पेड़ के सहारे रखा और पीछे हट गया. तभी एक और राहगीर बंदूकधारी का पीछा करते हुए दिखाई देता है, जो पुल की ओर जाते समय उस पर कुछ फेंक रहा था.
घटनास्थल के दूसरे फ़ुटेज में दिखाया गया है कि बंदूकधारी फिर पुल पर दूसरे हमलावर से मिल जाता है. इसी दौरान अहमद को दो बार गोली लगी.
अहमद की सर्जरी हुई है और उसका इलाज सेंट जॉर्ज अस्पताल में चल रहा है.
अहमद के पिता ने हॉस्पिटल के बाहर बात की और अपने बेटे को हीरो बताया. अरबी में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनका बेटा ठीक है. उन्होंने कहा, "मैंने उसे कल रात देखा था, और वह ठीक था. उसने कहा कि वह ऊपरवाले का शुक्रगुजार है कि वह ऐसा कर पाया, बेगुनाह लोगों की मदद कर पाया और लोगों को इन राक्षसों, इन हत्यारों से बचा पाया.वह एक हीरो है."
इस बीच ऑस्ट्रेलिया में अहमद के लिए क्राउड फंडिंग हो रही है. उसके लिए 3 लाख डॉलक जमा किए जा चुके है. ये क्राउंड फंडिंग कार हब ऑस्ट्रेलिया द्वारा की जा रही है. इसमें दान देने वालों में अमेरिकी अरबपति बिल एकमैन भी शामिल हैं, जिन्होंने एक लाख डॉलर दिए. कॉर हब ने इसमें 50 हजार डॉलर दिए हैं.
16 लोगों की मौत, 40 घायल
सिडनी के बॉन्डी बीच पर 14 दिसंबर 2025 को हनुक्का उत्सव के दौरान हुए आतंकी हमले में 16 लोगों की मौत हो गई है. इनमें एक 10 साल की बच्ची भी शामिल है. हमलावर पिता-पुत्र साजिद अकरम (50) और नवीद अकरम (24) थे. साजिद को पुलिस ने मौके पर मार गिराया, जबकि नवीद घायल होकर अस्पताल में पुलिस हिरासत में है.
इस हमले में 40 से अधिक लोग घायल हुए, कई गंभीर हालत में हैं. यह यहूदी समुदाय को निशाना बनाकर किया गया एंटीसेमिटिक आतंकी हमला था, जिसमें हमलावरों की कार से आईएस झंडे मिले. प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने इसे "शुद्ध बुराई- Pure evil" बताते हुए सख्त गन लॉ की वकालत की है.