राजनीतिक गलियारों से खबर है कि पाकिस्तान के चारों प्रांतों को 12 हिस्सों में बांटने की तैयारी चल रही है.पाकिस्तान के सूचना मंत्री अब्दुल अलीम खान खुद बयान दे चुके हैं कि देश में छोटे-छोटे प्रांत बनना अब तय है. पाकिस्तान के चार बड़े प्रांतों को बहुत जल्द 12 छोटे-छोटे प्रांतों में बांटा जा सकता है. ऐसे में सवाल है कि पाकिस्तान की सरकार और सेना अपने देश के टुकड़े-टुकड़े क्यों करना चाहती है और क्या इसकी वजह से पाकिस्तान में एक नए गृहयुद्ध की शुरुआत होने वाली है.
कहा जा रहा है कि इस फैसले पर पाकिस्तान की सरकार और सेना के बीच अंतिम चर्चा भी हो चुकी है और आने वाले दिनों में ये फैसला लागू भी हो जाएगा. इसके तहत सभी चार प्रांतों के तीन-तीन टुकड़े होंगे. इनमें पंजाब प्रांत को नॉर्थ पंजाब, सेंट्रल पंजाब और साउथ पंजाब में बांटा जाएगा. सिंध प्रांत को कराची सिंध, सेंट्रल सिंध और उपला सिंध में बांटा जाएगा. खैबर पख्तूनख्वा के भी तीन हिस्से होंगे, जिनमें एक प्रांत को नॉर्थ खैबर पख्तूनख्वा कहा जाएगा, दूसरे प्रांत को साउथ खैबर पख्तूनख्वा कहा जाएगा और तीसरे प्रांत को ट्राबइल खैबर पख्तूनख्वा कहा जाएगा. इनमें वो इलाके आएंगे, जिन्हें संघीय प्रशासित जनाजातिय क्षेत्रों यानी FATA क्षेत्र में गिना जाता है. इसी तरह ब्लूचिस्तान को भी तीन अलग-अलग प्रांतों में बांटा जाएगा, जिनमें एक होगा ईस्ट ब्लूचिस्तान, दूसरा वेस्ट ब्लूचिस्तान और तीसरा होगा साउथ ब्लूचिस्तान.
पाकिस्तान की सरकार का कहना है कि वो इन चार प्रांतों को 12 हिस्सों में इसलिए बांटना चाहती है क्योंकि इससे प्रशासनिक काम आसान होगा. सत्ता कुछ पार्टियों और नेताओं तक सीमित नहीं रहेगी. ज्यादा जनप्रतिनिधि होंगे, ज्यादा सरकारें होंगी और इससे पाकिस्तान की भी तेजू से तरक्की होगी. लेकिन हकीकत ये है कि पाकिस्तान की सरकार उस नीति पर काम कर रही है, जिसके तहत अंग्रेजों ने 200 सालों तक भारत पर राज किया था. ये नीति है बांटो और राज करो यानी डिवाइड एंड रूल की पॉलिसी. पाकिस्तान में इस वक्त जबरदस्त विद्रोह हो रहा है.
ब्लूचिस्तान प्रांत में लगातार आजादी के लिए आंदोलन चलाया जा रहा है. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में टीटीपी के लड़ाके आजादी की मांग कर रहे हैं और अब सिंध प्रांत में भी एक अलग सिंध देश की मांग शुरू हो गई है. हालात ये है कि लोगों का हिंसक विद्रोह पाकिस्तान की सरकार और सेना के लिए चुनौती बन गया है और इसी चुनौती से निपटने के लिए पाकिस्तान की सेना और सरकार अपने प्रांतों को बांटकर उनके विद्रोह और उनकी आवाज को भी बांट देना चाहती है.
पाकिस्तान की सरकार लोगों के विद्रोह को बांटने के लिए अपने ही देश के छोटे-छोटे टुकड़े करना चाहती है और दावा है कि ये आइडिया भी पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने दिया है. पाकिस्तान के लोग इस बात को अच्छी तरह समझ गए हैं कि अब उनके देश में लोकतंत्र सिर्फ कागज के रूप में बचा है. शहबाज़ शरीफ सिर्फ दिखावटी प्रधानमंत्री बनकर रह गए हैं और असली ताकत आसिम मुनीर के हाथों में आ गई है.
यही कारण है कि पाकिस्तान में लगभग सभी विरोध प्रदर्शनों में शहबाज शरीफ की जगह आसिम मुनीर का विरोध हो रहा है और आसिम मुनीर को चुनौती दी जा रही है और अब आसिम मुनीर ही चाहते हैं कि इन विद्रोह को बांटने के लिए पाकिस्तान के लोगों को छोटे-छोटे प्रांतों में बांट दिया जाए.
हालांकि आसिम मुनीर के लिए ऐसा करना आसान नहीं होगा क्योंकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ने कहा है कि वो इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे और सिंध प्रांत को कोई ताकत बांट नहीं सकती. आसिम मुनीर को लगता है कि वो पाकिस्तान के चार प्रांतों को 12 छोटे-छोटे प्रांतों में बांट देंगे तो इससे जनता का विद्रोह खत्म हो जाएगा लेकिन हकीकत ये है कि पाकिस्तान में ब्लूचिस्तान, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा के लोगों के साथ इतनी नाइंसाफी हुई है कि उनके विद्रोह को अब बांटकर राज करना आसान नहीं है.
साल 1947 में जब भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान बना, तभी से पंजाब प्रांत को छोड़कर पाकिस्तान के बाकी प्रांतों की लगातार अनदेखी. इस अनदेखी के कारण ही पूर्वी पाकिस्तान उससे अलग हो गया और बांग्लादेश नाम का एक अलग राष्ट्र बन गया. आज भी साल 2025 में स्थिति ये है कि पाकिस्तान की सत्ता को पंजाब प्रांत के नेता चलाते हैं और आसिम मुनीर खुद इसी पंजाब प्रांत से आते हैं.
आज पाकिस्तान की 53 प्रतिशत आबादी अकेले पंजाब प्रांत में रहती है जबकि 23 प्रतिशत आबादी सिंध प्रांत में रहती है, 17 प्रतिशत आबादी खैबर पख्तूनख्वा में रहती है और सिर्फ 6 प्रतिशत आबादी ब्लूचिस्तान में रहती है.
अमेरिका का एक ग्लोबल Think Tank है, जिसका नाम है, Carnegie (कानेगी) Endowment for International Peace. इस Think Tank की रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान चाहे जितनी कोशिश कर ले लेकिन मौजूदा हालात ऐसे हैं कि पाकिस्तान आने वाले भविष्य में चार हिस्सों में बंट सकता है. इनमें पाकिस्तान का जो ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत है, वहां पश्तून समुदाय के लोग ज्यादा रहते हैं, जो खुद को अफगानिस्तान का हिस्सा मानते हैं और हो सकता है कि पाकिस्तान का ये प्रांत अफगानिस्तान में मिल जाए.