अमेरिका के पेंसिल्वेनिया की एक रैली में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमला चर्चा में है. इस हमले में वह बाल-बाल बच गए थे. गोली उनके कान को छूते हुए निकल गई थी. इस हमले की जांच के संबंध में संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक अमेरिकी सदन की न्यायिक समिति के समक्ष पेश हुए.
इस दौरान एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने पेंसिल्वेनिया की रैली में ट्रंप को लगी गोली को लेकर अपनी आशंका जाहिर की. उन्होंने न्यायिक समिति के समक्ष अपनी गवाही में कहा कि इस रैली में ट्रंप को गोली लगी थी या गोली के छर्रे लगे थे? इसे लेकर वह पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कह सकते.
ट्रंप की सुरक्षा में चूक पर क्या बोले एफबीआई निदेशक?
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिस्टोफर ने कहा कि इस हमले को लेकर कुछ सवाल बने हुए हैं कि हम पुख्ता तौर पर कह नहीं कह सकते कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के कान पर गोली लगी थी या गोली के छर्रे? उन्होंने कहा कि फिलहाल मुझे नहीं पता कि वो बुलेट थी या नहीं.
अमेरिकी सदन की न्यायिक समिति के समक्ष क्रिस्टोफर ने ट्रंप की सुरक्षा में हुई चूक पर अपना रुख रखा. उन्होंने बताया कि रैली में ट्रंप की सुरक्षा में चूक हुई थी, इसी वजह से संदिग्ध के तौर पर पहचाने जाने के बावजूद थॉमस मैथ्यू क्रूक्स रैली में शामिल हो पाया और ट्रंप पर हमला भी कर पाया.
क्रिस्टोफर ने अपनी गवाही में कहा कि क्रूक्स ने इमारत की छत पर चढ़ने के लिए सीढ़ी का इस्तेमाल किया था. उसने एआर-15 राइफल से कुल आठ राउंड गोलियां चलाई थीं. इस हमले में एक शख्स कोरी कॉम्पेरेटोर की मौत हो गई थी जबकि दो घायल हुए थे.
कैनेडी के हमलावर के बारे में किया था सर्च
इस दौरान क्रिस्टोफर ने बताया कि ट्रंप के हमलावर थॉमस ने इस हमले को अंजाम देने से पहले 1963 में पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी पर किए गए हमले को लेकर गूगल सर्च किया था. थॉमस ने कैनेडी की हत्या करने वाले हमलावर ली हार्वे ओसवाल्ड के बारे में जानकारी जुटाई थी. उसने गूगल सर्च किया था कि कैनेडी पर हमले के दौरान ओसवाल्ड उनसे कितनी दूरी पर था?
ट्रंप पर कैसे हुआ था हमला?
अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी सभा को संबोधित करने के दौरान ताबड़तोड़ गोलियां चलीं. इस दौरान एक गोली ट्रंप के दाहिने कान के ऊपरी हिस्से को छूकर निकली. ट्रंप के कान से खून छलछला उठा, तभी सिक्योरिटी गार्ड्स आए और उन्होंने ट्रंप को चारों तरफ से घेरकर घटनास्थल से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. वहीं सीक्रेट सर्विस के ने हमलावर को मौके पर मार गिराया.
ट्रंप के बाल-बाल बचने के बाद कहा गया कि टेलीप्रॉम्प्टर का इस्तेमाल न करने का फैसला उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ. दरअसल, ट्रंप अपनी रैली के दौरान टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन आज पहली बार उन्होंने कहा कि वह इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे. उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि मैं आज टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल नहीं करूंगा और आपसे सीधा संवाद करूंगा. तभी फायरिंग हुई और गोली उनके कान को छूकर निकल गई.