कनाडा सरकार अपनी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में बढ़ती कमियों को दूर करने के लिए बड़े कदम उठा रही है. इसी के तहत सरकार ने उन विदेशी डॉक्टरों के लिए एक नया और तेज़ स्थायी निवास (PR) मार्ग शुरू किया है, जो पहले से कनाडा में काम कर रहे हैं. इमिग्रेशन मंत्री लीना मेटलेज डायब ने बताया कि नई Express Entry Physicians Category खास तौर पर अंतरराष्ट्रीय डॉक्टरों के लिए बनाई जा रही है.
इसमें शर्त यह है कि उम्मीदवार के पास कम-से-कम एक साल का कनाडाई अनुभव होना चाहिए और वह पात्र मेडिकल पेशों में काम कर रहा हो. इन चिकित्सकों को 2026 की शुरुआत से स्थायी निवास के लिए आवेदन करने के निमंत्रण मिलने लगेंगे.
किन-किन डॉक्टरों को मिलेगा मौका
नई श्रेणी में तीन समूहों के चिकित्सक शामिल होंगे
सरकार का कहना है कि इन श्रेणियों के चिकित्सक मरीजों तक "स्थिर और तेज़" देखभाल पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
भारतीय डॉक्टरों की संख्या काफी अधिक
OECD की अंतरराष्ट्रीय प्रवासन रिपोर्ट 2025 के अनुसार, 2021 तक कनाडा में लगभग 3,900 भारत-प्रशिक्षित डॉक्टर कार्यरत थे लेकिन वास्तविक आंकड़े इससे बड़े हैं — विशेषज्ञों का मानना है कि 8,000 से भी अधिक भारतीय मूल के डॉक्टर वर्तमान में कनाडा में प्रैक्टिस कर रहे हैं.
प्रांतों को 5,000 अतिरिक्त PR स्लॉट
डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहे प्रांतों के लिए केंद्र सरकार ने 5,000 नए संघीय नामिनेशन स्थान रिज़र्व किए हैं. इन स्लॉट्स का उपयोग लाइसेंस प्राप्त और जॉब-ऑफर वाले डॉक्टरों को नामांकित करने में किया जाएगा. ये स्थान मौजूदा सालाना PNP कोटे के अलावा होंगे.
नामित डॉक्टरों को 14 दिनों में वर्क परमिट प्रोसेसिंग मिलेगी, जिससे वे PR प्रक्रिया के दौरान भी अपने अस्पताल या क्लिनिक में प्रैक्टिस जारी रख सकेंगे.
मेडिकल निकायों का स्वागत
कनाडियन मेडिकल एसोसिएशन (CMA) ने इस कदम को "स्वास्थ्य सेवा की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण" बताया. CMA अध्यक्ष डॉ. मार्गोट बर्नेल ने कहा, “अस्थायी वीज़ा पर काम कर रहे डॉक्टरों को स्थायी निवास का रास्ता देने से कार्यबल मजबूत होगा और मरीज की देखभाल बेहतर होगी.”
प्रणाली पर बढ़ता दबाव
कनाडा लंबे समय से फैमिली डॉक्टर्स और विशेषज्ञों की कमी झेल रहा है. 2024 में लगभग 5.7 मिलियन वयस्क यानी 17% आबादी के पास कोई रेगुलर डॉक्टर नहीं था. बच्चों और युवाओं में यह आंकड़ा 11% तक पहुंच गया था. इसी वजह से कनाडा का श्रम-बल विकास लगभग 100% इमिग्रेशन पर निर्भर हो चुका है और स्वास्थ्य क्षेत्र इसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है.