बांग्लादेश में अगले आम चुनावों और देश के अंदर हुए आंदोलन की मांगों पर रेफरेंडम की तारीखों का ऐलान आज हो जाएगा. स्थानीय समयानुसार, शाम 6 बजे बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त नसीरुद्दीन की स्पीच के जरिए ऐलान किया जाएगा. राष्ट्र के नाम रिकॉर्ड किए गए उनके वीडियो संदेश को लाइव किया जाएगा. इसके साथ ही, आज शाम से पूरे बांग्लादेश में आचार संहिता भी लागू हो जाएगी.
भारत के सचिव अख़्तर अहमद ने बताया है कि चुनाव और रेफरेंडम के लिए वोटिंग एक साथ अलग-अलग बैलट पर होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त ने बुधवार को बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से मुलाक़ात की थी और देश के मुख्य न्यायाधीश सैयद रेफत अहमद को भी तैयारियों की जानकारी दी थी.
आम चुनाव की तारीखों से ज्यादा चर्चा रेफरेंडम को लेकर है, जिसमें जुलाई 2024 में शेख़ हसीना सरकार के ख़िलाफ़ हुए आंदोलन में उठाए गए मुद्दों पर जनता की राय मांगी गई है.
दो मतदान, बड़ी चुनौती...
बांग्लादेश के गृह विभाग ने तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं. एक ही दिन में दो मतदान (चुनाव और रेफरेंडम) को लेकर चुनौतियां ज्यादा हैं, जिसके लिए बैलट पेपर और क़ानून व्यवस्था की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. वोटिंग सुबह साढ़े 7 बजे शुरू होगी, जो शाम 5 बजे तक चल सकती है. माना जा रहा है कि फ़रवरी के पहले हफ्ते में मतदान होगा.
यह भी पढ़ें: अब भारत नहीं... बांग्लादेश को कपास सप्लाई करने में ये देश टॉप पर
रेफरेंडम क्यों है खास?
जुलाई चार्टर में मुख्य रूप से संविधान में बदलाव करके पार्लियामेंट के दो सदन बनाने की मांग की गई है, जिसमें अपर हाउस की व्यवस्था हो. इसके साथ ही, यह मांग की गई है कि सारी शक्तियां सिर्फ़ प्रधानमंत्री के पास न हों, बल्कि राष्ट्रपति और दूसरे विभागों को भी शक्तियां दी जाए, जिससे सत्ता का संतुलन बना रहे. इस चार्टर में राज्यों को भी स्वतंत्र और शक्तियां देने की मांग की गई है.
यह भी पढ़ें: 'पतले इंसान को वजन घटाने को कहा', यूनुस ने बांग्लादेश का क्या कर डाला, लगी पाकिस्तान वाली बीमारी
आचार संहिता लागू
आज शाम छह बजे से आचार संहिता लागू होने के साथ ही तमाम सियासी दलों को सड़कों से अपने बैनर पोस्टर हटाने के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं. अंतरिम सरकार के सभी सलाहकार और अधिकारी अब सरकारी सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.
राजनीतिक हलकों में सरगर्मी
पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी के मुखिया ख़ालिदा जिया की तबीयत बेहद नासाज़ है और उन्हें इलाज के लिए लंदन ले जाने की तैयारियां हो रही है. अवामी लीग की मान्यता रद्द किए जाने के चलते उनके चुनाव चिन्ह पर किसी को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं होगी. जमात-ए-इस्लामी जैसे दूसरे संगठन अलग-अलग गठबंधन के ज़रिए चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें: शेख हसीना को मौत की सजा क्या सिर्फ बहाना... भारत के खिलाफ बड़ी साजिश रच रहे मोहम्मद यूनुस और आसिम मुनीर?