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पाकिस्तान सीमा के पास 3 ईरानी सुरक्षाकर्मियों की हत्या, आतंकियों ने बनाया निशाना

जैश-उल-अदल (आर्मी ऑफ जस्टिस), जो एक सुन्नी बहुल समूह है, ने हमलों की जिम्मेदारी ली है.  यह समूह 2012 में जुंदुल्लाह नामक एक अन्य बलूच सैन्य समूह के उत्तराधिकारी के रूप में उभरा और यह पाकिस्तान-ईरान सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय है.

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ईरान-पाकिस्तान बॉर्डर पर 3 ईरानी सुरक्षाकर्मियों की हत्या
ईरान-पाकिस्तान बॉर्डर पर 3 ईरानी सुरक्षाकर्मियों की हत्या

पाकिस्तान की सीमा से लगे अशांत सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादियों के साथ हुई झड़प में कम से कम तीन ईरानी सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा, "इन हमलों में तीन ईरानी सुरक्षाकर्मी मारे गए और कुछ अन्य घायल हो गए हैं."

सिस्तान-बलूचिस्तान और सीमावर्ती बलूचिस्तान प्रांत में अक्सर विभिन्न आतंकवादी समूह हमला करते रहते हैं जो आसानी से ईरान और पाकिस्तान के बीच की सीमा को पार कर जाते हैं. एक सुरक्षा अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि प्रांत के परुद, खश, हिरमंद और डोमक इलाकों में रात भर चार हमले हुए हैं.

जैश-उल-अदल (आर्मी ऑफ जस्टिस), जो एक सुन्नी बहुल समूह है, ने हमलों की जिम्मेदारी ली है.  यह समूह 2012 में जुंदुल्लाह नामक एक अन्य बलूच सैन्य समूह के उत्तराधिकारी के रूप में उभरा और यह पाकिस्तान-ईरान सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय है.

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ईरान के अनुसार, जैश-उल-अदल पाकिस्तान में स्थित है, लेकिन पाकिस्तान ने इस आरोप को खारिज कर दिया है. उसका कहना है कि वह आतंकवाद का शिकार रहा है और अपनी धरती से इस खतरे को खत्म करने के लिए लड़ रहा है.

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 एक-दूसरे की धरती पर आतंकवादियों की कथित मौजूदगी और एक-दूसरे के खिलाफ आरोपों की वजह से ईरान और पाकिस्तान इस साल की शुरुआत में युद्ध के कगार पर खड़े हो गए थे. यह तब हुआ था जब ईरान ने विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले किए और जवाब में पाकिस्तान ने ईरान में आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया था.

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