उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव का शोर थम गया है. निकाय चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. निकाय चुनाव के बाद अब सूबे की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नजरें अगले साल यानी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर हैं. लोकसभा चुनाव की तैयारियों को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है.
आम चुनाव के लिए मैदान तैयार करने में जुटी बीजेपी की कोशिश है कि सरकार और संगठन में फेरबदल के जरिए जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधे जाएं. जातीय और क्षेत्रीय समीकरण मजबूत करने के लिए संगठन और सरकार में व्यापक फेरबदल की अटकलें लगाई जाने लगी हैं. माना जा रहा है कि योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ मंत्रियों की एग्जिट हो सकती है तो वहीं कुछ नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है.
यूपी सरकार में अभी कुल 52 मंत्री हैं. नियमों के मुताबिक यूपी सरकार के मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या 60 तक हो सकती है. ऐसे में योगी कैबिनेट में बिना किसी मंत्री को पद से हटाए अभी भी आठ नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं. यूपी सरकार के कैबिनेट में यदि फेरबदल होता है तो ये साल 2022 में सरकार गठन के बाद पहला मंत्रिमंडल विस्तार होगा.
योगी मंत्रिमंडल में 35 जिलों का प्रतिनिधित्व
योगी कैबिनेट में फिलहाल 35 जिलों का प्रतिनिधित्व है. वहीं, अगर संगठन की बात करें तो बीजेपी यूपी के 45 पदाधिकारियों और छह क्षेत्रीय टीम में कुल 26 जिलों का प्रतिनिधित्व है. ऐसे में सूबे के कुल 29 ऐसे जिले हैं जिनका सरकार और संगठन, दोनों ही जगह प्रतिनिधित्व शून्य है. इन जिलों से न तो सरकार में कोई मंत्री है और ना ही संगठन में ही कोई पदाधिकारी.
नगर पंचायत, नगर पालिका में कई जगह खराब प्रदर्शन
यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी सभी 17 नगर निगम के महापौर पद पर जीत दर्ज करने में सफल रही लेकिन नगर पंचायत और नगर पालिका की कई सीटों पर पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा. ऐसे में जिन मंत्रियों और विधायकों को उन इलाकों की जिम्मेदारी दी गई थी या जिन मंत्रियों के क्षेत्र में पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा है, उन पर गाज गिर सकती है. माना जा रहा है कि कुछ मंत्रियों को उनके इलाके में बीजेपी के बेहतर प्रदर्शन का इनाम मिल सकता है तो कुछ को खराब प्रदर्शन की कीमत मंत्रिमंडल से बाहर होकर चुकानी पड़ सकती है.
चार से पांच मंत्रियों को मिल सकती है जगह
योगी मंत्रिमंडल में चार से पांच नए चेहरों को जगह मिलने के अनुमान लगाए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि यूपी में नियमों के मुताबि मंत्रियों की अधिकतम संख्या 60 मंत्री तक की है लेकिन यूपी सरकार में कुल 58 मंत्री बनाए जा सकते हैं. योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों के बीच सरकार से लेकर संगठन तक उठापटक भी शुरू हो गई है.