यूपी के गोरखपुर में पकड़े गए फर्जी आईएएस गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर ने एक बार असली एसडीएम को थप्पड़ जड़ दिया था. दरअसल, कुछ समय पहले वह बिहार के भागलपुर में 'दौरे' पर निकला था, तभी उसका सामना एक एसडीएम से हो गया. एसडीएम को शक हुआ तो उन्होंने उससे रैंक और बैच पूछ लिया. बस फिर क्या था... गुस्से में तमतमाए ललित ने उन्हें एक के बाद एक दो थप्पड़ जड़ दिए. हैरानी की बात ये रही कि एसडीएम ने ललित को असली आईएएस मानकर कहीं शिकायत भी नहीं की. क्योंकि, ललित का रुतबा ही ऐसा था. वह लालबत्ती लगी गाड़ी से कई गनर लेकर चलता था और 'पहुंच वालों' संग उठता-बैठता था.
जानकारी के मुताबिक, आरोपी गौरव उर्फ ललित बिहार के सीतामढ़ी जिले का रहने वाला है. ललित ने शुरुआती पढ़ाई सीतामढ़ी जिले के मेहसौल गांव से पूरी की. शुरू से पढ़ने में तेज था. कोचिंग भी खोल ली थी. पिता पेंट पॉलिश का काम करते थे. ललित भी कभी कभार हाथ बंटा देता था.
मगर बाद में वह गोरखपुर के परमानंद गुप्ता के साथ मिलकर यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड में जालसाजी का नेटवर्क चलाने लगा. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसकी कुंडली खंगाली तो कई हैरान करने वाले कारनामे सामने आए.
जालसाज ललित बड़े बिल्डरों और कारोबारियों को सरकारी ठेके दिलाने का झांसा देता था. वह AI की मदद से फर्जी पेपर तैयार कर लोगों को विश्वास में लेता था और करोड़ों की ठगी करता था. इसी क्रम में, एक कारोबारी को ₹450 करोड़ का टेंडर दिलाने के नाम पर उससे ₹5 करोड़ और दो इनोवा कारें रिश्वत में ली थीं. इतना ही नहीं उसने चार-चार गर्लफ्रेंड्स भी बना रखी थीं, जिनमें से तीन वर्तमान में प्रेग्नेंट हैं. जबकि, पहले ही एक लड़की से लव मैरिज कर चुका है.
गौरतलब है कि गोरखपुर पुलिस ने इन दोनों जालसाजों की जांच तब शुरू की जब एक मामला बिहार चुनाव के दौरान सामने आया था. गोरखपुर जीआरपी ने 99 लाख रूपये पकड़े थे. वह पैसा बिहार चुनाव के लिए जा रहा था. पकड़े जाने वाले व्यक्ति ने पूछताछ में गोरखपुर के रहने वाले IAS गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर का नाम बताया था. लेकिन जांच में IAS फर्जी निकला. इसके बाद से ही उसके लिए जाल बिछाया जा रहा था. बीते दिन इस जालसाज को गिरफ्तार कर लिया गया.