उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में बोलते हुए संभल में 46 साल से बंद मिले मंदिर को लेकर जिस तरह सपा-कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया, उसको लेकर अब जुबानी जंग शुरू हो गई है. सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि हमने मंदिर बंद नहीं कराया था. सपा नेता ने कहा कि अगर कोई गेरुआ कपड़े पहनकर झूठ बोलता है तो उसका कोई इलाज नहीं है. सपा नेता के बयान पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है.
सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा, "ये असत्य है कि संभल का मंदिर हमने बंद करवाया था. जिसकी जमीन थी वो लोग खुद ही बंद करके चले गए थे. अगर कोई गेरुआ कपड़े पहनकर झूठ बोलता है तो उसका इलाज नहीं है."
रामगोपाल के बयान पर बीजेपी ने क्या कहा?
रामगोपाल यादव के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि जो संत होता है वो सच बोलता है. उन्होंने कहा, "संभल का इतिहास 1978 से है. जवाब अखिलेश यादव को देना चाहिए कि संभल में जो दंगे हुए उनके खिलाफ इन्होंने अभी तक क्या किया था. जो संत होता है वह सच बोलता है. सीएम योगी के भाषण का सपा के पास कोई जवाब नहीं है. उनके पास कोई काट नहीं है. सपा को जय श्री राम बोलने में क्या दिक्कत है."
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संभल को लेकर सीएम योगी ने क्या कहा था?
सीएम योगी ने विधानसभा में कहा था, "संभल में दंगों का इतिहास 1947 से शुरू होता है. 1948 में छह लोग मारे गए. 1958 में फिर दंगा होता है. 1962 में, 1976 में 5 लोगों की मौत वहां पर हुई थी. 1978 में 184 हिंदुओं को सामूहिक रूप से जला दिया गया. हिंदुओं की हत्या हुई थी और जलाया भी गया था. 184 हिंदू मारे गए थे वहां. आप उस सच को स्वीकार नहीं करेंगे और लगातार कई महीनों तक वहां कर्फ्यू लगा था. 1980 में फिर दंगा हुआ था एक मौत हुई, 1982 में दंगा एक मौत, 1986 में चार लोग मारे गए. 1990, 1992 में पांच, 1996 में दो, लगातार सिलसिला चलता रहा है."
सीएम योगी ने कहा कि 1947 से लेकर अबतक 209 निर्मम हिंदुओं की हत्या हुई है. एक बार भी किसी ने निर्दोष हिंदुओं के लिए दो शब्द नहीं कहे. जो आज घड़ियालू आंसू बहा रहे हैं, उन्होंने हिंदुओं के लिए कभी दो शब्द नहीं कहे.
1978 दंगों में क्या हुआ था, सीएम योगी ने बताया
उन्होंने कहा, "संभल में 1978 में जो दंगा हुआ था. वहां किस प्रकार की स्थिति थी. एक वैश्य जिसने सबको पैसा उधार दिया हुआ था. अगल-बगल के हिंदू उनके घर में इकट्ठे होते हैं, इकट्ठे होने के बाद उनको घेर लिया जाता है. वो बोलते हैं कि आप हमें क्यों घेर रहे हैं तो दंगाइयों ने कहा कि तुम क्योंकि इन्हीं हाथों से पैसे मांगोंगे. फिर उनके हाथ काटे जाते हैं. फिर पैर काटे जाते हैं. फिर गला रेतकर मार दिया जाता है. ये लोग सौहार्द की बात करते हैं."