उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में बुधवार शाम बांदा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक में इनकम टैक्स विभाग की रेड से हड़कंप मच गया. कानपुर से आई 9 सदस्यीय विशेष टीम भारी पुलिस बल की मौजूदगी में बैंक परिसर में पहुंची और तुरंत ही बैंक के वित्तीय रिकॉर्ड, ट्रांजेक्शन डिटेल और अकाउंट बुक की जांच शुरू कर दी. अचानक हुई छापेमारी से बैंक स्टाफ और ग्राहकों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया.
सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग ने बैंक से वित्तीय लेनदेन का विस्तृत रिकॉर्ड मांगा था, लेकिन बैंक द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में भारी विसंगतियां मिलीं. कागजी रिकॉर्ड और डिजिटल डेटा मेल न खाने पर आयकर विभाग ने कार्रवाई तेज कर दी. टीम ने मैनेजर सहित बैंक अधिकारियों से सख्त पूछताछ की और कई फाइलों व सिस्टम लॉग्स की बारीकी से जांच की.
करीब तीन घंटे चली इस छानबीन में टीम को कई अहम सबूत मिले, जिन्हें कब्जे में लेकर टीम कानपुर लौट गई. विभाग ने बैंक प्रशासन को 10 दिनों के भीतर सभी वित्तीय लेनदेन का पूरी तरह सही और सत्यापित विवरण ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं. टीम ने स्पष्ट किया कि निर्धारित समय में सही दस्तावेज उपलब्ध न कराए जाने पर बैंक प्रबंधन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई और भारी जुर्माना लगाया जाएगा.
पूरे ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई थी, ताकि भीड़ एकत्र न हो सके और जांच में कोई बाधा न आए. आयकर विभाग के इंस्पेक्टर कुलदीप गुप्ता ने बताया कि यह कार्रवाई आयकर निदेशक के निर्देश पर की गई है. उन्होंने कहा -यह वित्तीय लेनदेन का विस्तृत वेरिफिकेशन है. बैंक द्वारा दी गई जानकारी अधूरी और संदिग्ध पाई गई है. इसलिए सभी दस्तावेजों का पुनः सत्यापन किया जाएगा. बैंक को 10 दिन का समय दिया गया है, समयसीमा के भीतर संपूर्ण रिकॉर्ड प्रस्तुत न होने पर विभाग कानूनी कार्रवाई करेगा. स्थानीय लोगों और बैंक उपभोक्ताओं में भी छापेमारी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं.