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गोरखपुर में पकड़ा गया फर्जी IAS... जीजा एमएससी पास, साला सॉफ्टवेयर इंजीनियर… दोनों ने तैयार किया फरेब का नेटवर्क

यूपी के गोरखपुर में एक ऐसा फर्जी IAS पकड़ा गया है, जिसकी कहानी सुनकर हर कोई हैरान है. एमएससी पास युवक ने अपने सॉफ्टवेयर इंजीनियर साले की मदद से बिहार, यूपी, झारखंड और मध्य प्रदेश तक धोखाधड़ी नेटवर्क खड़ा कर लिया. सरकारी टेंडर दिलाने का झांसा, फर्जी आईडी, नकली प्रोटोकॉल और अफसरों जैसा रुतबा... सब कुछ ऐसा कि लोग झांसे में आ जाएं.

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पुलिस ने आरोपियों को किया अरेस्ट. (Photo: ITG)
पुलिस ने आरोपियों को किया अरेस्ट. (Photo: ITG)

उत्तर प्रदेश में गोरखपुर पुलिस ने एक ऐसे पढ़े-लिखे ठग को गिरफ्तार किया है, जिसके कारनामे सुनकर आप दंग रह जाएंगे. बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर खुद को IAS अधिकारी बताता था. असल में वह एमएससी तक पढ़ा है, मगर उसके फरेब का पूरा नेटवर्क यूपी, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश तक फैला था. उसके इस पूरे फर्जी IAS ऑपरेशन में उसका साला अभिषेक कुमार, जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, बराबर का पार्टनर था.

ललित किशोर पढ़ाई में ठीक-ठाक था और IAS बनने के सपने देखता था. उसने करीब तीन साल तक सिविल सर्विस की तैयारी भी की. इसी बीच उसने सुपर-50 नाम से कोचिंग सेंटर खोला और छात्रों को पढ़ाना शुरू कर दिया. यहीं से उसके जीवन में मोड़ आया. उसने एक छात्र से नौकरी लगवाने के नाम पर 2 लाख रुपये ले लिए.

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नौकरी के नाम पर पैसे लेने के बाद जब काम नहीं हुआ और पैसे लौटाने की नौबत आई तो वह पैसे नहीं दे पाया. मामला पुलिस तक पहुंचा और उस पर केस दर्ज हो गया. इस केस के बाद उसे लगा कि अब सरकारी नौकरी की कोई संभावना नहीं बची है, इसलिए वह गांव लौट गया. इसी दौरान उसकी शादी भी हो गई और जिम्मेदारियां बढ़ गईं. पैसों की बढ़ती जरूरत ने उसके दिमाग में फरेब का आइडिया पैदा किया.

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ललित ने सरकारी काम, नौकरी और टेंडर दिलाने का झांसा देकर पैसे कमाने की योजना बनाई. लेकिन इस योजना को असली रूप देने में उसका सॉफ्टवेयर इंजीनियर साला अभिषेक मुख्य कड़ी साबित हुआ. अभिषेक ने उसके लिए फर्जी IAS ID, संशोधित नाम और पहचान पत्र, फर्जी लेटरहेड, डिजिटल दस्तावेज और यहां तक कि आधिकारिक स्टाइल की नेम प्लेट तैयार की.

ललित पूरी तरह प्रोटोकॉल में रहता... सरकारी गाड़ियों जैसा सेटअप, सुरक्षा की नकली शैली और ऊंचे अफसरों की तरह व्यवहार. उसका रौब ऐसा था कि कई जिलों में उसने बिना किसी पूछताछ के लोगों को प्रभावित कर दिया. कोई भी उससे सवाल पूछने की हिम्मत नहीं करता था.

बिल्डरों और ठेकेदारों से ऐंठता था लाखों

फर्जी टशन के दम पर वह और उसका साला बिल्डरों व ठेकेदारों को सरकारी टेंडर दिलाने का वादा करते और लाखों रुपये ऐंठ लेते. उसका नेटवर्क लगातार बढ़ता जा रहा था और सोशल मीडिया पर वह खुद को बड़े अफसर की तरह प्रोजेक्ट करता था.

कैसे पकड़ा गया फर्जी IAS?

गोरखपुर पुलिस को सूचना मिली कि एक व्यक्ति खुद को IAS बताकर भ्रम फैला रहा है और लोगों से वसूली कर रहा है. जब जांच की गई तो मामला संदिग्ध लगा. पुलिस ने उसे पकड़कर पूछताछ की तो सच सामने आ गया. वह कोई अफसर नहीं, बल्कि एमएससी पास, असफल कोचिंग संचालक ललित किशोर था.

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आरोपी ने फर्जी दस्तावेज, फर्जी पहचान और फर्जी प्रोटोकॉल के जरिए बड़े पैमाने पर लोगों के साथ धोखाधड़ी की है. उसके तार कई राज्यों में फैले होने की आशंका है. गोरखपुर पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आरोपी का नाम ललित किशोर है, वह एमएससी तक पढ़ा है. इस मामले में एसपी सिटी ने कहा कि मामले की जानकारी है.

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