उत्तर प्रदेश की योगी सरकार रोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सख्त है. सरकार ने घुसपैठियों को डिपोर्ट करने से पहले डिटेंशन सेंटर में रखने का ऐलान किया है. इसके लिए प्रदेश के अलग जिलों/मंडलों में डिटेंशन सेंटर निर्मित किए जा रहे हैं. इस क्रम में गोरखपुर के डिटेंशन सेंटर की तस्वीर सामने आई है जहां सिक्योरिटी के तगड़े इंतजाम किए गए हैं. रैन बसेरा को डिटेंशन सेंटर का रूप दिया गया है. आइये जानते हैं क्या-कुछ खास है इसमें...
घुसपैठियों के लिए गोरखपुर में बना डिटेंशन सेंटर
आपको बता दें कि योगी सरकार के आदेश के बाद घुसपैठियों के लिए गोरखपुर में तीन मंजिला बिल्डिंग में डिटेंशन सेंटर बनाया गया है, जहां 50 लोगों के रहने की पूरी व्यवस्था की गई है- 30 पुरुषों के लिए और 20 महिलाओं के लिए. दर्जनों बेड की व्यवस्था है. ठंड से बचने के लिए कंबल आदि रखे गए हैं. वहीं, बच्चों के लिए अलग कमरा है. किचन और फैमिली रूम भी है. इसके साथ ही शौचालय और स्नान घर का भी इंतजाम किया गया है.
सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में परिसर
डिटेंशन सेंटर में आग से बचाव के लिए अग्निशमन यंत्र ऊपर से नीचे तक लगाए गए हैं. सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में सारा परिसर रहेगा. तीनों फ्लोर कैमरे से लैस हैं. गेट पर गार्ड भी तैनात रहेंगे. हालांकि, अभी यहां कोई घुसपैठिया नहीं आया है. लेकिन नगर निगम/प्रशासन द्वारा इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं.
पश्चिमी यूपी में डिटेंशन सेंटर का पहला मॉडल तैयार
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अवैध घुसपैठियों और रोहिंग्या शरणार्थियों को रखने के लिए डिटेंशन सेंटर बनाने की तैयारी चल रही है. इसका पहला मॉडल सार्वजनिक किया गया है, जिसमें सुरक्षा और तकनीकी सुविधाओं का पूरा डेमो दिखाया गया है.
15,000 घुसपैठियों को रखने की तैयारी
इस डिटेंशन सेंटर का डिज़ाइन 15 हजार लोगों को रखने की क्षमता वाला है. पश्चिमी यूपी के कमिश्नर ने यह मॉडल सरकार को भेजा है, जिसकी समीक्षा के लिए गृह विभाग को निर्देशित किया गया है.
सुरक्षा व्यवस्था
सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए, मॉडल में त्रिस्तरीय सुरक्षा कवच, बायोमेट्रिक सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था है. प्रवेश के लिए फेस रिकॉग्निशन और थंब इंप्रेशन आवश्यक होगा, जो कंट्रोल रूम से जारी ग्रीन सिग्नल से सुनिश्चित होगा. मंडलायुक्त ने सुरक्षा के लिए 50 केंद्रीय सुरक्षा कर्मियों की स्थायी तैनाती की सिफारिश की है. पुरुष और महिलाओं को एक ही परिसर में अलग-अलग सुरक्षा और सुविधा के साथ रखा जाएगा.
17 नगर निकायों में ऐसे सेंटर बनाने की योजना
गृह विभाग से मंजूरी मिलने के बाद, प्रदेश के 17 नगर निकायों में ऐसे सेंटर बनाने की योजना है. घुसपैठियों की संख्या अधिक होने पर एक नगर निकाय में एक से अधिक सेंटर भी स्थापित किए जा सकते हैं.