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सीएम योगी ने तैयार किया सभी 75 जिलों के लिए खास प्लान, फर्जी आईडी नेक्सस खत्म करने की जबरदस्त तैयारी

सीएम योगी ने यूपी में घुसपैठ रोकने के लिए अब तक का सबसे बड़ा फुलप्रूफ प्लान तैयार किया है. SIR सर्वे के जरिए पकड़े जाने वाले रोहिंग्या और अवैध बांग्लादेशियों की हाईटेक बायोमेट्रिक प्रोफाइल बनेगी और उन्हें देशभर में साझा होने वाली ‘निगेटिव लिस्ट’ में डाला जाएगा. यूपी के सभी 17 नगर निगमों में डिटेंशन सेंटर तय किए गए हैं. फर्जी आईडी नेक्सस पर कड़ी कार्रवाई होगी और दोबारा एंट्री पूरी तरह रोकी जाएगी.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Photo: PTI)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Photo: PTI)

यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घुसपैठ और फर्जी पहचान पत्रों के खेल पर लगाम लगाने के लिए मजबूत अभियान शुरू कर दिया है. सरकार के इस नए मास्टर-प्लान का मकसद है है कि राज्य में सक्रिय रोहिंग्या और अवैध बांग्लादेशी नेटवर्क को जड़ से उखाड़ना और उनकी भविष्य में दोबारा एंट्री की हर संभावना को खत्म करना.

सूत्र बताते हैं कि SIR सर्वे के जरिए पकड़े जाने वाले घुसपैठियों की सिर्फ पहचान नहीं होगी, बल्कि पहली बार एक विशाल और हाईटेक डेटाबेस तैयार किया जाएगा. यह डेटाबेस पूरे देश के सुरक्षा तंत्र से साझा होगा, ताकि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति नए नाम, नई उम्र, नया पता और नए दस्तावेज के साथ दोबारा न घुस सके.

UP में घुसपैठियों पर सबसे बड़ा एक्शन प्लान तैयार

सूत्रों के मुताबिक प्रदेश सरकार ने जो रोडमैप तैयार किया है, उसमें पहली बार घुसपैठियों का विस्तृत डिजिटल डेटाबेस तैयार होगा. सभी पकड़े गए लोगों की बायोमेट्रिक प्रोफाइल, चेहरे की पहचान (फेशियल रिकॉग्निशन), फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन और परिवार/रिश्तों का पूरा रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा. हर संदिग्ध व्यक्ति का नाम ‘निगेटिव लिस्ट’ में शामिल होगा, जिसे पूरे देश के एजेंसियों के साथ शेयर किया जाएगा. निगेटिव लिस्ट में जाने के बाद व्यक्ति आधार, पैन, मोबाइल सिम, बैंक अकाउंट, वोटर आईडी, किसी भी पहचान पत्र के लिए अयोग्य माना जाएगा. हाईटेक सिस्टम के जरिए पता लगाया जाएगा कि कोई घुसपैठिया कब से, किस इलाके में, किस पहचान के साथ छुपकर रह रहा था. इतना ही नहीं फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले नेटवर्क पर जेल और गैंगस्टर तक की कार्रवाई हो सकती है.

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बताया जा रहा है कि पिछले दो दशकों में फर्जी आईडी बनवाकर अवैध तरीके से रहने वाले विदेशी नागरिकों का एक ऐसा नेटवर्क विकसित हुआ है, जो शहर-दर-शहर अपनी नई पहचान बनाकर आगे बढ़ता रहा. किसी शहर में पकड़े जाने पर वे तुरंत नई जगह नई पहचान के साथ फिर बस जाते थे. यह पूरा खेल फर्जी दस्तावेज बनवाने वाले गिरोहों की मदद से चलता था. योगी सरकार का नया प्लान इसी पूरी चेन को तोड़ने पर केंद्रित है.

UP के हर जिले में बनेगा विशेष डिटेंशन मैकेनिज़्म

सरकार ने निर्देश जारी किया है कि राज्य के सभी 17 नगर निगमों में एक-एक रैन बसेरे को अस्थायी डिटेंशन सेंटर में बदला जाएगा. किस रैन बसेरे को इसके लिए चुना जाएगा यह निर्णय संबंधित नगर निगम लेगा, जबकि सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस को होगी. हर मंडल में पकड़े जाने वाले अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों को उसी मंडल के डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा. इससे मॉनिटरिंग आसान होगी और फरारी की संभावना कम रहेगी.

ऐसे टूटेगा फर्जी आईडी का खेल

सरकार का पूरा अभियान तीन हिस्सों में बंटा है जिसमें पहचान, नेटवर्क और रोकथाम में बांटा गया है. बताया जा रहा है कि फेशियल रिकॉग्निशन, फिंगरप्रिंट, आईरिस डेटा, आवाज का विश्लेषण का उपयोग करके हर घुसपैठिए की एक ऐसी पहचान तैयार की जाएगी, जिसे बदलना असंभव होगा. इसके साथ ही पकड़े गए घुसपैठियों से यह पता लगाया जाएगा कि फर्जी दस्तावेज कहां से तैयार हुए, किसने कराया, कौन लोग नेटवर्क में शामिल हैं, किन क्षेत्रों में छुपकर रहना आसान था. यह जानकारी पूरे प्रदेश में समानांतर जांच चलाने वाली टीमों को दी जाएगी. निगेटिव लिस्ट को आधार, पासपोर्ट, वोटर लिस्ट, बैंक और टेलीकॉम कंपनियों तक साझा किया जाएगा. जिससे न कोई नया आधार बनेगा, न कोई बैंक खाता खोल पाएगा, न सिम कार्ड जारी होगा मतलब दूसरी बार घुसपैठ की संभावना खत्म.

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सभी 75 जिलों पर सीएम योगी की पैनी निगाह

सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय हर जिले में चल रहे SIR सर्वे की रिपोर्ट सीधे मॉनिटर कर रहा है. जिला स्तर से आने वाली प्रगति रिपोर्टों का विश्लेषण लखनऊ में बने एक केंद्रीकृत कंट्रोल-रूम में किया जा रहा है. किस जिले में कितने संदिग्ध मिले, कितनों की बायोमेट्रिक प्रोफाइल बनी, किन लोगों ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए, कौन से इलाके हॉटस्पॉट हैं ये सभी आंकड़े अधिकारियों को प्रतिदिन भेजे जा रहे हैं.

गोरखपुर में डिटेंशन सेंटर में तीन फ्लोर, 50 बेड, 16 कमरे

सीएम योगी के निर्देश पर गोरखपुर में जो डिटेंशन सेंटर तैयार किया गया है, उसने पूरे प्रदेश में चर्चा बटोर ली है. यह सेंटर गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र, गीता वाटिका के पास स्थित है. अपर नगर आयुक्त दुर्गेश सिंह के मुताबिक सेंटर तीन मंजिला है. इसमें 50 बेड और 16 कमरे तैयार किए गए हैं. यहां सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. सुरक्षा में कोई कमी न रहे इसके लिए पुलिस द्वारा विशेष व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि फिलहाल गोरखपुर में कोई बड़ा मामला नहीं मिला है, लेकिन सर्वे और जांच लगातार जारी है, ताकि संदिग्ध लोग तुरंत चिन्हित किए जा सकें. डिटेंशन सेंटर के केयरटेकर सुजीत सिंह ने बताया कि यहां निगरानी व्यवस्था बेहद कड़ी है परिंदा भी पर नहीं मार सकता.

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