भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रीय परिदृश्य में राजनीतिक दलों के बीच नये सिरे से राजनीतिक ध्रुवीकरण की संभावनाएं हैं.
राजग के घटक दल जदयू और संप्रग के घटक दल राकंपा का उदाहरण देते हुए कहा कि जदयू ने संप्रग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का समर्थन किया वहीं राकंपा ने कांग्रेस के सामने समन्वय से संबंधित मामला उठाया है. इससे इस बात को बल मिलता है कि राजनीतिक दलों के बीच भविष्य में नये सिरे से ध्रुवीकरण हो सकता है.
पार्टी के आंध्र प्रदेश राज्य परिषद की एक बैठक में रेड्डी ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी को भाजपा ने प्रधानमंत्री पद के लिए पार्टी का उम्मीदवार बनाया तो भाजपा के भीतर असंतोष बढ़ सकता है और कुछ नेता इसे लेकर पार्टी छोड़ भी सकते हैं.