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हत्या के बाद पड़ोसी का खून पीते मिली थी महिला, कोर्ट ने सुनाई 50 साल की सजा

अमेरिका में एक महिला को उसके पड़ोसी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वह मृतक का खून पीते मिली थी. तब उसे पागल करार दिया गया था. अब दो साल बाद जब उसने अपना जुर्म कबूला तो उसे 50 साल जेल में रहने की सजा दी गई है.

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मर्डर के बाद पड़ोसी का खून पीने लगी थी महिला (Representational Photo - Pixabay)
मर्डर के बाद पड़ोसी का खून पीने लगी थी महिला (Representational Photo - Pixabay)

'शैतान की कठपुतली' कही जाने वाली एक महिला ने अपनी पड़ोसी की क्रूर हत्या के बाद उसका खून पिया था. जब पुलिस मौके पर पहुंची तो कातिल पड़ोसी मृतक का खून पी रही थी. पुलिस को देखते ही उसने भागने की कोशिश की, लेकिन उस पकड़ लिया गया. 

अमेरिका में  54 साल की सिंथिया मिंग को अपनी पड़ोसी 45 वर्षीय एंजी मेलिसा मूर के घर में घुसकर उसकी हत्या करने और उसका खून पीने के आरोप में दोषी पाए जाने के बाद 50 साल की जेल की सजा सुनाई गई है. मिंग ने बताया था कि मूर ने उसके कुत्ते को मार दिया था. इस वजह से उसने मूर की जान ले ली.

हत्या के बाद पीने लगी थी खून
मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक,   सिंथिया मिंग ने शुरू में 7 सितंबर 2022 को एंजी मेलिसा मूर की हत्या के मामले में पागलपन के कारण खुद को निर्दोष बताया था. अब जब उन्होंने अपना बयान बदलकर दोषी होने की बात स्वीकार कर ली, तो मैकलैनन काउंटी जिला अटॉर्नी कार्यालय से 50 साल की सजा सुनाई गई है. 

6 सितंबर 2022 को आधी रात से कुछ समय पहले मूर ने 911 पर फोन करके पुलिस को सूचित किया था कि कोई खिड़की तोड़कर उसके घर में जबरदस्ती घुसने की कोशिश कर रहा है. जब पुलिस अधिकारी व्हिस्परिंग एवेन्यू स्थित उसके घर पहुंचे, तो उन्होंने मूर को पूरी तरह नग्न, मृत और खून से लथपथ पाया. 

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पुलिस को देखकर की भागने की कोशिश
वहीं मिंग के मुंह में खून लगा था. वह मृतका का खून पी रही थी और पुलिस को देख घटनास्थल से भागने की कोशिश करने लगी. इसके बाद अधिकारियों को टेज़र का इस्तेमाल करना पड़ा. अंततः पुलिस मिंग को हिरासत में लेने में सफल रही, जिसने पीड़िता के घर में जबरन घुसने, उसके हाथ से बंदूक छीनने, मूर की गोली मारकर हत्या करने और फिर उसका खून पीने की बात कुबूल की.

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मिंग के डॉक्टर, डॉ. ली कार्टर ने अदालत को बताया कि मिंग को बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर, हिस्ट्रियोनिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर और स्किजोअफेक्टिव डिसऑर्डर, बाइपोलर टाइप है. इस वजह से उसे सजा नहीं हुई थी और मामला कोर्ट में चल रहा था. मिंग ने दो साल बाद यह कुबूल कर लिया कि हत्या उसी ने की थी. वह इस बात पर कायम है कि अपराध के समय वह पूरी तरह होश में थी.

क्यों 'शैतान की कठपुतली' रख दिया नाम
हत्या के बाद से जेल में बंद मिंग को 25 साल बाद पैरोल मिल सकती है, लेकिन अभियोजन पक्ष का मानना ​​है कि अपराध की क्रूरता को देखते हुए उसकी सजा कम होने की संभावना नहीं है. मिंग को अब 50 साल के लिए जेल भेज दिया गया है. मृतका मूर के 16 साल के बेटे ने मिंग को 'शैतान की कठपुतली' बताया था. इस वजह से  मिंग को इसी नाम से लोग जानने लगे. 

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मृतका के पिता ने गवाही देते हुए मिंग से पूछा कि वह आंखों में आंखे डालकर बताए कि उसने क्या किया. इस पर मिंग ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया. मूर के पिता ने मिंग को 'निर्दयी हत्यारिन' करार दिया.

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