विश्वनाथ प्रताप सिंह (Vishwanath Pratap Singh) भारतीय राजनीति के एक प्रभावशाली नेता रहे हैं, जिन्होंने अपने सिद्धांतों और समाजवाद की भावना के लिए पहचान बनाई. वे भारत के सातवें प्रधानमंत्री थे और उन्हें विशेष रूप से सामाजिक न्याय और भ्रष्टाचार विरोधी रुख के लिए जाना जाता है.
विश्वनाथ प्रताप सिंह (VP Singh) का जन्म 25 जून 1931 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) जिले के मिर्जापुर के पास राजघराने में हुआ था. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय और पूना विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल की थी.
उन्होंने राजनीति में प्रवेश उत्तर प्रदेश विधानसभा से किया और बाद में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने और केंद्र में वित्त मंत्री व रक्षा मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य किया था.
1989 में जनता दल के नेतृत्व में राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार बनी और विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के प्रधानमंत्री बने. उनका कार्यकाल छोटा रहा (1989-1990), लेकिन उन्होंने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए थे.
उनकी सरकार का सबसे चर्चित और ऐतिहासिक निर्णय मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करना था. इसके तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था की गई. यह कदम सामाजिक न्याय की दिशा में मील का पत्थर माना जाता है, हालांकि इस पर देशभर में काफी विरोध भी हुआ.
वी.पी. सिंह ने बोफोर्स तोप घोटाले को उजागर किया, जिससे तत्कालीन कांग्रेस सरकार की छवि पर आंच आई और जनता का विश्वास उन्हें मिला.
उनका निधन 27 नवंबर 2008 को हुआ था.