सुबरनपुर
सुबरनपुर (Subarnapur), जिसे सोनपुर जिला भी कहा जाता है, ओडिशा राज्य के पश्चिम में स्थित एक जिला है (District of Odisha). सोनपुर शहर जिला मुख्यालय है. सोनपुर की एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है और इसे सौ से अधिक मंदिरों के साथ ओडिशा के मंदिरामालिनी शहर (मंदिरों का शहर) के रूप में जाना जाता है. सोनपुर क्षेत्र के लोगों को सोनपुरिया कहा जाता है. सुबरनपुर जिले के दो विधानसभा क्षेत्र हैं (Subarnapur Constituencies).
2011 की जनगणना के अनुसार, सुबरनपुर जिले की जनसंख्या 610,183 है (Subarnapur Population). जिले का जनसंख्या घनत्व 279 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है (Subarnapur Density). सुबरनपुर में प्रत्येक 1000 पुरुषों पर 959 महिलाओं का लिंगानुपात है और साक्षरता दर 74.42% है (Subarnapur Literacy).
2006 में पंचायती राज मंत्रालय ने सुबरनपुर को देश के 250 सबसे पिछड़े जिलों में से एक नाम दिया है. यह वर्तमान में पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि कार्यक्रम (BRGF) से धन प्राप्त करने वाले ओडिशा के 19 जिलों में से एक है.
सुबरनापुर सांस्कृतिक विरासत, कला और शिल्प की एक विस्तृत विविधता है. सोनपुर क्षेत्र कपड़ा और टेराकोटा के लिए प्रसिद्ध है. इस जिले में तारभा और बिंका पीतल धातु के काम का उत्पादन होता है. उल्लुंडा पत्थर की नक्काशी भी विश्वप्रसिद्ध है (Subarnapur Economy).
यहां सुबर्णपुर कवि और पैगंबर महिमा धर्म है. जिला "डंडा-नाता" के लिए भी जाना जाता है, जो एक धार्मिक लोक परंपरा है और ये इस क्षेत्र के मूल निवासी है (Subarnapur Religion).