सोनामुखी पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाला नगर है. यह कस्बा राज्य की पारंपरिक ग्रामीण-शहरी जीवनशैली का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करता है. शांत वातावरण, स्थानीय बाज़ार और आसपास की हरियाली सोनामुखी को एक विशिष्ट पहचान देते हैं.
सोनामुखी मुख्य रूप से कृषि और छोटे व्यापारिक गतिविधियों पर आधारित क्षेत्र है. यहां के लोग धान, सब्जियों और तिलहन जैसी फसलों की खेती करते हैं. कस्बे में साप्ताहिक हाट (बाजार) लगते हैं, जहां आसपास के गांवों के लोग अपनी उपज और घरेलू वस्तुएं बेचने आते हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी बुनियादी सुविधाएं भी यहां उपलब्ध हैं, जिससे यह आसपास के ग्रामीण इलाकों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता है.
सोनामुखी से लगभग 3540 किलोमीटर की दूरी पर बांकुड़ा शहर स्थित है, जो जिले का मुख्यालय है. बांकुड़ा अपनी प्रशासनिक सुविधाओं, कॉलेजों और प्रसिद्ध टेराकोटा कला के लिए जाना जाता है. लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित बिष्णुपुर एक ऐतिहासिक नगर है, जो अपने प्राचीन मंदिरों, खासकर टेराकोटा मंदिरों और शास्त्रीय संगीत घरानों के लिए प्रसिद्ध है. सोनामुखी के पूर्व में बर्धमान शहर स्थित है, जो एक बड़ा शैक्षणिक और व्यावसायिक केंद्र है. वहीं पश्चिम दिशा में औद्योगिक नगरी दुर्गापुर और आसनसोल आते हैं, जो रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए जाने जाते हैं.