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सोमवार व्रत

सोमवार व्रत

सोमवार व्रत

सोमवार व्रत

माना जाता है कि सोमवार भगवान शिव का सबसे प्रिय दिन है. इस दिन शिव की पूजा विशेष प्रकार से करने से कल्याण होता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन व्रत करने से भगवान शिव और देवी पार्वती प्रसन्न होती हैं. सोमवार का व्रत चार प्रकार से रखा जाता है. इसमें साधारण प्रति सोमवार, सोम्य प्रदोष, सोलह सोमवार और सावन का सोमवार शामिल हैं. व्रत का विधि-विधान और पूजा के नियम एक समान ही हैं. इनमें एक बार भोजन करना होता है (Somvar Vrat). 

सोमवार के दिन भगवान शिव (Shiv) की पूजा और व्रत का विशेष महत्व होता है (Importance of Somvar Vrat). इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर शिवलिंग (Shivlinga) का जलाभिषेक करने के बाद व्रत का संकल्प लेते हैं.. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. शिवलिंग पर दूध, दही, शहद या कोई भी वस्तु चढ़ाने के बाद जल चढ़ाया जाता है.

शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर कभी भी रोली व सिंदूर की तिलक नहीं करना चाहिए. शिवलिंग पर हमेशा चंदन का ही तिलक करना चाहिए. भगवान शिव के मंदिर में परिक्रमा करते वक्त ध्यान रखें कि कभी भी पूरी परिक्रमा न लगाएं. जहां से दूध बहता है वहां रूक जाएं और वापस घूम जाएं. 

 

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