महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध और रहस्यमय धार्मिक स्थलों में से एक है. यह मंदिर भगवान शनि को समर्पित है, जिन्हें न्याय, कर्म और अनुशासन का देवता माना जाता है. देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं, विशेषकर वे लोग जो शनि दोष या साढ़ेसाती से परेशान होते हैं (Shani Shingnapur Temple, Maharashtra).
शनि शिंगणापुर की सबसे अनोखी बात यह है कि यहां भगवान शनि की कोई मूर्ति नहीं, बल्कि लगभग 5.5 फीट ऊंचा काले रंग का स्वयंभू शिला स्तंभ स्थापित है. मान्यता है कि यही शिला भगवान शनि का स्वरूप है. यह शिला खुले आकाश के नीचे स्थापित है और इसके ऊपर कोई छत नहीं है.
इस गांव की एक और खास विशेषता यह है कि यहां के घरों में दरवाजे और ताले नहीं होते. स्थानीय लोगों का विश्वास है कि भगवान शनि स्वयं गांव की रक्षा करते हैं, इसलिए चोरी जैसी घटनाएं यहां नहीं के बराबर होती हैंच. यही कारण है कि यह गांव पूरी दुनिया में आस्था और विश्वास का प्रतीक माना जाता है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्वापर युग में एक चरवाहे को जमीन में काले पत्थर से खून निकलता दिखा. जब उस पत्थर की पूजा की गई, तो भगवान शनि ने सपने में दर्शन देकर बताया कि वे उसी शिला में वास करते हैं. तभी से यहां उनकी पूजा होने लगी.
मंदिर में शनिवार के दिन विशेष भीड़ रहती है, क्योंकि यह दिन भगवान शनि को समर्पित होता है. अमावस्या और शनि जयंती पर यहां भव्य आयोजन होते हैं. श्रद्धालु यहां तेल अभिषेक, दीपदान और विशेष पूजा करते हैं.