उत्तर प्रदेश के पवित्र नगर वाराणसी में स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर श्रद्धा, आस्था और भक्ति का एक प्रमुख केंद्र है. यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है और देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के बीच अत्यंत लोकप्रिय है. मान्यता है कि यहां सच्चे मन से पूजा करने पर जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं, इसी कारण इस मंदिर को “संकट मोचन” कहा जाता है. (Sankat Mochan Hanuman Temple, Varanasi).
इस मंदिर की स्थापना 16वीं शताब्दी में गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी. कहा जाता है कि तुलसीदास को इसी स्थान पर भगवान हनुमान के दर्शन हुए थे, जिसके बाद उन्होंने यहां मंदिर की स्थापना की. मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व इसे वाराणसी के सबसे पूजनीय स्थलों में शामिल करता है.
मंदिर की एक खास बात यह है कि यहां भगवान हनुमान की मूर्ति को सिंदूर और चमेली के तेल से लेपित किया जाता है. भक्त यहां बजरंग बाण, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करते हैं. मंगलवार और शनिवार को मंदिर में विशेष भीड़ देखने को मिलती है, क्योंकि इन दिनों हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है.
संकट मोचन मंदिर सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केंद्र है. यहां हर साल “संकट मोचन संगीत समारोह” का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश के प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देते हैं. यह आयोजन भारतीय शास्त्रीय संगीत को समर्पित एक अनूठा मंच माना जाता है.
मंदिर का वातावरण अत्यंत शांत और आध्यात्मिक है. यहां आने वाले श्रद्धालु मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करते हैं. वाराणसी यात्रा के दौरान संकट मोचन हनुमान मंदिर का दर्शन न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.