साबूदाना खिचड़ी (Sabudana Khichdi) भारत का एक लोकप्रिय और हल्का व्यंजन है, जिसे खासकर उपवास और व्रत के दिनों में बनाया जाता है. यह व्यंजन न सिर्फ पचने में आसान है बल्कि ऊर्जा से भी भरपूर होता है, इसलिए इसे नाश्ते या हल्के भोजन के रूप में भी खाया जा सकता है. वेटलॉस में भी साबूदाना खिचड़ी एक बेहतर और हेल्थी ऑप्शन साबित होता है.
साबूदाना, जिसे टैपिओका पर्ल्स भी कहा जाता है, कसावा (Tapioca) की जड़ों से बनाया जाता है. यह स्टार्च का अच्छा स्रोत है और शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है.
बनाने की सामग्री
साबूदाना- 1 कप (4-5 घंटे या रातभर भिगोया हुआ)
आलू- 1-2 (उबले और क्यूब्स में कटे हुए)
मूंगफली- 2 बड़े चम्मच (भुनी हुई और दरदरी पिसी हुई)
हरी मिर्च- 2-3 (बारीक कटी हुई)
करी पत्ते- 6-7
जीरा- 1 छोटा चम्मच
सेंधा नमक- स्वादानुसार
नींबू का रस- 1 बड़ा चम्मच
हरा धनिया- सजावट के लिए
घी या तेल- 2 बड़े चम्मच
बनाने की विधि
भीगे हुए साबूदाना को छलनी में डालकर अच्छी तरह छान लें ताकि इसमें चिपचिपाहट न रहे.
एक कढ़ाई में घी/तेल गर्म करें और उसमें जीरा, करी पत्ते और हरी मिर्च डालें
अब इसमें उबले आलू डालकर हल्का भून लें.
इसके बाद साबूदाना और सेंधा नमक डालकर अच्छी तरह मिलाएं.
दरदरी पिसी मूंगफली डालकर हल्की आंच पर 4-5 मिनट तक पकाएं.
अंत में नींबू का रस डालें और हरे धनिये से सजाएं.
पोषण और फायदे
यह जल्दी पचने वाला और हल्का भोजन है.
उपवास के दौरान शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है.
मूंगफली और आलू इसमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का संतुलन बनाते हैं.
ग्लूटेन-फ्री होने के कारण यह उन लोगों के लिए भी अच्छा विकल्प है जिन्हें गेहूं या आटे से परहेज है.
साबूदाना खिचड़ी सिर्फ व्रत का खाना नहीं, बल्कि एक स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन भी है. इसे आप नाश्ते, हल्के भोजन या स्नैक के रूप में कभी भी बना सकते हैं.