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रॉयटर्स

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दुनिया के सबसे भरोसेमंद समाचार स्रोतों में शुमार रॉयटर्स (Reuters) एक ऐसा नाम है जो पत्रकारिता की निष्पक्षता, सटीकता और तीव्रता का प्रतीक बन चुका है. इसकी शुरुआत एक साधारण तार सेवा के रूप में हुई थी, लेकिन आज यह एक वैश्विक मल्टीमीडिया न्यूज एजेंसी बन चुकी है, जो हर दिन लाखों लोगों को दुनिया भर की खबरों से जोड़ती है.

रॉयटर्स की स्थापना 1851 में पॉल जूलियस रॉयटर ने की थी. शुरुआत में यह सेवा व्यापारिक खबरें और स्टॉक मार्केट की जानकारी व्यापारियों को तेजी से पहुंचाने के लिए शुरू की गई थी. तब रॉयटर ने खबरें भेजने के लिए कबूतरों और टेलीग्राफ का इस्तेमाल किया. धीरे-धीरे इसने अपनी पहचान एक अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी के रूप में बना ली.

रॉयटर्स का सिद्धांत है — “Fast, accurate, and unbiased news” (तेज, सटीक और निष्पक्ष खबरें). यही वजह है कि दुनिया भर के पत्रकार, मीडिया हाउस और पाठक इस पर भरोसा करते हैं.

आज रॉयटर्स के पत्रकार 200 से अधिक शहरों और 100 से ज्यादा देशों में फैले हुए हैं. यह न सिर्फ राजनीति, व्यापार और खेल बल्कि विज्ञान, जलवायु परिवर्तन, टेक्नोलॉजी और मानवाधिकार जैसे ज्वलंत विषयों पर भी गहराई से रिपोर्ट करता है.

डिजिटल युग में भी रॉयटर्स ने खुद को समय के साथ ढाला है. इसकी वेबसाइट और ऐप के ज़रिए दुनिया भर के लोग 24x7 ताजा और गहन खबरों तक पहुंच बना सकते हैं. इसके अलावा, थॉमसन रॉयटर्स (Thomson Reuters) समूह के साथ साझेदारी ने इसे कानूनी, वित्तीय और डेटा सेवाओं के क्षेत्र में भी मजबूत किया है.

भारत में भी रॉयटर्स की रिपोर्टिंग को काफी सम्मान प्राप्त है. चाहे वह चुनाव की रिपोर्टिंग हो, आर्थिक नीतियों का विश्लेषण या अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर नजर, रॉयटर्स की भारतीय टीम हमेशा सबसे पहले और सबसे विश्वसनीय जानकारी देने की कोशिश करती है.

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