रसगुल्ला (Rasgulla) भारत के सबसे लोकप्रिय और प्रिय मिठाइयों में से एक है. यह गोल आकार की, मुलायम और स्पंजी मिठाई है, जिसे दूध से बने पनीर (छेना) और चीनी की चाशनी में उबालकर तैयार किया जाता है. इसका हल्का मीठा और रसदार स्वाद इसे हर उम्र के लोगों के लिए खास बनाता है.
रसगुल्ला की उत्पत्ति को लेकर भारत में कई कथाएं प्रचलित हैं. कुछ इतिहासकार इसे ओड़िशा की पारंपरिक मिठाई मानते हैं, जबकि कुछ इसे बंगाल की मिठाई का हिस्सा मानते हैं. 19वीं शताब्दी में यह बंगाल में विशेष रूप से लोकप्रिय हुआ और धीरे-धीरे पूरे भारत में फैल गया.
रसगुल्ला बनाने के लिए सबसे पहले दूध को फाड़ कर छेना तैयार किया जाता है. इसके बाद इसे अच्छी तरह से गूंथकर छोटी-छोटी गोलियां बनाई जाती हैं. ये गोलियां धीरे-धीरे उबलती चीनी की चाशनी में पकाई जाती हैं, जिससे वे फूल कर स्पंजी बन जाती हैं.
हालांकि रसगुल्ला मिठाई है, लेकिन इसमें प्रोटीन की मात्रा भी होती है क्योंकि यह पनीर से बनता है. इसे संतुलित मात्रा में खाने से मिठास का आनंद भी मिलता है और शरीर को ऊर्जा भी मिलती है.
बंगाल और ओड़िशा में रसगुल्ला त्यौहारों, शुभ अवसरों और स्वागत समारोहों में अनिवार्य रूप से परोसा जाता है. भारत के बाहर भी यह मिठाई भारतीय रेस्टोरेंट्स में बेहद लोकप्रिय है.
रसगुल्ला सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और पारंपरिक स्वाद का प्रतीक है.