पेन्ना नदी (Penna River) दक्षिण भारत की एक प्रमुख नदी है, जो आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में बहती है. यह नदी कृषि, पेयजल, सिंचाई और पारिस्थितिकी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. पेन्ना को पेनर, पिनाकिनी या उत्तरा पिनाकिनी भी कहा जाता है.
पेन्ना नदी का उद्गम कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर जिले के नंदी हिल्स (नंदी दुर्ग) से होता है. यह लगभग 597 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती है.
पेन्ना नदी कर्नाटक से निकलने के बाद आंध्र प्रदेश के अनंतपुर, कडप्पा, नेल्लोर और श्रीकाकुलम जैसे जिलों से होकर गुजरती है. इसकी प्रमुख सहायक नदियां चित्तूर जिले की चंद्रगिरी, कडप्पा की केनी, और नेल्लोर की बुगा नदी हैं.
यह नदी वर्षा आधारित है, यानी इसका जल प्रवाह मानसून पर निर्भर करता है. आंध्र प्रदेश के सूखा-प्रवण क्षेत्रों में पेन्ना नदी सिंचाई की रीढ़ है. श्रीसैलम, कृष्णा और गंडिकोटा जैसे परियोजनाओं से इसका जल संचयन और वितरण किया जाता है.
सोम्मसिला बांध – नेल्लोर जिले में स्थित यह बांध पेन्ना नदी पर बना है और कृषि के लिए प्रमुख जल स्रोत है.
गोविंदराजुला जलाशय – यह कडप्पा में स्थित है और पेन्ना जल पर आधारित है.
गंडिकोटा बांध – यह बांध ऊर्जा उत्पादन और जल वितरण के लिए उपयोगी है.
जलवायु परिवर्तन और अंधाधुंध भूजल दोहन के कारण पेन्ना नदी की जलधारा कमजोर हो रही है. गर्मियों में नदी के कई हिस्से सूख जाते हैं, जिससे क्षेत्रीय जल संकट उत्पन्न हो जाता है. उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित जल ने भी नदी की गुणवत्ता को प्रभावित किया है.
पेन्ना नदी का पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व भी है. कई मंदिर, तीर्थ स्थल और सांस्कृतिक केंद्र इस नदी के किनारे स्थित हैं. इस क्षेत्र की लोककथाओं और साहित्य में भी पेन्ना का वर्णन मिलता है.