नील नदी (Nile River) दुनिया की सबसे लंबी नदियों में से एक मानी जाती है. यह उत्तर-पूर्वी अफ्रीका में बहती है और कई देशों की जीवनरेखा मानी जाती है. इसका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से मिस्र और सूडान जैसे देशों के लिए.
नील नदी की कुल लंबाई लगभग 6,650 किलोमीटर है, जिससे यह अमेजन नदी के साथ दुनिया की सबसे लंबी नदियों में गिनी जाती है. इसका मुख्य स्रोत विक्टोरिया झील (Lake Victoria) मानी जाती है, जो युगांडा, केन्या और तंजानिया में फैली हुई है.
नील नदी दो मुख्य धाराओं श्वेत नील (White Nile) और नीली नील (Blue Nile) से मिलकर बनी है. नील नदी 11 अफ्रीकी देशों से होकर गुजरती है जिसमें उगांडा, केन्या, तंज़ानिया, रवांडा, बुरुंडी, दक्षिण सूडान, सूडान, इथियोपिया, इरिट्रिया, कांगो और मिस्र शामिल है.
इसका अंतिम पड़ाव मिस्र है, जहां यह भूमध्य सागर में जाकर मिलती है.
प्राचीन मिस्र की सभ्यता नील नदी के किनारे ही विकसित हुई थी. मिस्रवासियों के लिए यह नदी जीवनदायिनी थी. नील की बाढ़ से मिट्टी उपजाऊ हो जाती थी, जिससे कृषि संभव हो पाती थी. इसीलिए मिस्र को “नील का उपहार” भी कहा जाता है.
नील नदी पर क्रूज, नाव सैर और ऐतिहासिक स्थलों की वजह से हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं.