माता चिंतपूर्णी मंदिर हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है. यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 940 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसे उत्तर भारत के प्रमुख देवी मंदिरों में गिना जाता है. माता चिंतपूर्णी को “चिंताओं को हरने वाली देवी” माना जाता है, इसलिए यहां आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर माता के चरणों में शीश नवाते हैं (Mata Chintpurni Temple, Himachal Pradesh).
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस स्थान पर माता सती के चरण गिरे थे, जिसके कारण इसे शक्तिपीठ का दर्जा प्राप्त है. मंदिर में देवी की कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि यहां एक पिंडी के रूप में माता की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि सच्चे मन से की गई प्रार्थना से माता भक्तों की सभी चिंताएं दूर कर देती हैं.
माता चिंतपूर्णी मंदिर का इतिहास मुगल काल से भी जुड़ा हुआ है. मान्यता है कि मुगल शासक अकबर ने माता की शक्ति से प्रभावित होकर यहां छत्र चढ़वाया था, जो आज भी मंदिर में देखा जा सकता है. यह मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.
नवरात्रि के दौरान यहां विशेष भीड़ उमड़ती है. देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं. मंदिर परिसर में स्वच्छता, सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाता है.
मंदिर तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग सबसे सुविधाजनक है. ऊना, होशियारपुर और जालंधर से नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं. नजदीकी रेलवे स्टेशन ऊना और होशियारपुर हैं.
माता चिंतपूर्णी मंदिर श्रद्धा, आस्था और शांति का प्रतीक है. यहां आकर भक्त न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करते हैं, बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त करते हैं.