मरियप्पन थंगावेलु, पैरा हाई जम्पर
मरियप्पन थंगावेलु (Mariyappan Thangavelu) एक भारतीय पैरा हाई जम्पर हैं. इनका जन्म 28 जून 1995 को तमिलनाडु के सलेम जिले में हुआ था. उन्होंने इतिहास रचते हुए टोक्यो पैरालंपिक 2020 (Tokyo Paralympics 2020) में पुरुषों की ऊंची कूद टी-42 श्रेणी में रजत पदक जीता. थंगावेलु 2004 के बाद से देश के पहले पैरालंपियन स्वर्ण पदक विजेता हैं (Nation's first Paralympian Gold Medalist).
एवीएस कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस (AVS College of Arts and Science) से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक, थंगावेलु को दाहिने पैर में स्थायी विकलांगता का सामना करना पड़ा, उन्हें 5 साल की उम्र में एक बस ने कुचल दिया था. हार मानने के बजाय, उन्होंने अपनी विकलांगता को अपनी विशेष क्षमता में बदलने का फैसला किया और अब एक चैंपियन हैं (Mariyappan Thangavelu Life)
वह एक छात्र के रूप में एथलेटिक्स में शामिल हो गए और उनके शिक्षक ने उन्हें खेल को करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया. उनका जीवन तब बदल गया जब उनके वर्तमान कोच सत्यनारायण (Mariyappan Thangavelu coach Satyanarayana) ने भारतीय राष्ट्रीय पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उनके शानदार प्रदर्शन को देखा और उन्हें आगे की कोचिंग के लिए बेंगलुरु ले आए.
2016 में, थंगावेलु ने 1.78 मीटर की ऊंचाई को पार करके ट्यूनिस, ट्यूनीशिया में ग्रां प्री (Grand Prix in Tunis) में स्वर्ण पदक के लिए क्वालीफाई किया. उन्होंने रियो पैरालंपिक में पुरुषों की ऊंची कूद टी-42 (Men's high jump T-42 category) श्रेणी में 1.89 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक जीता. थंगावेलु यहीं नहीं रुके और 2019 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप (2019 World Para Athletics Championship) में पुरुषों की ऊंची कूद टी-63 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता.
उन्हें खेल के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 2017 में पद्मश्री (Padma Shri in 2017) से सम्मानित किया गया और उन्हें अर्जुन पुरस्कार (Arjuna Award) भी मिला. 2020 में, उन्हें मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार (Major Dhyan Chand Khel Ratna award) से सम्मानित किया गया.
इनका ट्विटर हैंडल @189thangavelu है.